Haryana: हरियाणा में टीचर मनीषा मौत मामले में बड़ा अपडेट, CBI जांच में देरी पर उठे सवाल
Haryana News: हरियाणा में भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी शिक्षिका मनीषा की मौत मामले में अब न्याय की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। मंगलवार को गांव में बड़ी पंचायत बुलाई गई है, जिसमें न सिर्फ ढाणी लक्ष्मण बल्कि आसपास के गांवों से भी लोग जुटेंगे। पंचायत का मुख्य उद्देश्य CBI जांच में तेजी लाने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करना है।
मनीषा के पिता संजय ने बताया कि घटना को तीन महीने से अधिक हो चुका है, लेकिन CBI अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं ला सकी है। उन्होंने कहा कि हम केवल इतना चाहते हैं कि हमारी बेटी को न्याय मिले। जांच में सच्चाई सामने आए और दोषियों को सजा मिले।
तीन महीने बाद भी जांच अधर में
19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की मौत मामले की जांच CBI कर रही है। एजेंसी अब तक तीन बार भिवानी आ चुकी है और मौके पर जांच भी कर चुकी है। टीम 27 अक्टूबर को दिल्ली लौट गई थी और वर्तमान में वहीं से जांच जारी है।
मनीषा के लापता होने के 93 दिन और शव मिलने के 91 दिन पूरे हो चुके हैं। वहीं CBI जांच को शुरू हुए भी करीब 70 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक अपडेट जारी नहीं किया गया।
11 अगस्त को लापता, 13 अगस्त को मिला शव
गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय की बेटी मनीषा 11 अगस्त को सुबह प्ले स्कूल में ड्यूटी पर गई थी। इसके बाद उसने परिवार को बताया था कि वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जा रही है। लेकिन वह वापस घर नहीं लौटी।
13 अगस्त को उसका शव गांव सिंघानी के खेतों में मिला। परिवार ने इसे हत्या करार देते हुए न्याय की मांग शुरू कर दी थी।
शुरुआत में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया, लेकिन 18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। इस रिपोर्ट के बाद लोगों में भारी आक्रोश फैल गया और आंदोलन तेज हो गया। बढ़ते दबाव के चलते मामले का तीसरी बार पोस्टमॉर्टम एम्स दिल्ली में कराया गया और जांच का जिम्मा CBI को सौंप दिया गया।
CBI अब तक तीन बार कर चुकी जांच
CBI की टीम पहली बार 3 सितंबर 2025 को भिवानी पहुंची थी। इसके बाद एजेंसी दो बार और मौके पर आई और गवाहों से पूछताछ की। फिलहाल CBI दिल्ली में रहकर केस से जुड़े सबूतों और रिपोर्टों की जांच कर रही है।
पंचायत से बढ़ी उम्मीदें
गांव में मंगलवार को होने वाली पंचायत में यह तय किया जाएगा कि आगे की रणनीति क्या होगी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जांच में तेजी नहीं आई, तो आंदोलन दोबारा शुरू किया जाएगा। पंचायत में आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

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