PM Kisan Yojana: पीएम किसान योजना को लेकर आई बड़ी खबर, केंद्र सरकार ने दी ये जानकारी
लाखों संदिग्ध आवेदन चिन्हित
केंद्र सरकार ने बताया कि देशभर में लाखों किसानों ने गलत तरीके से पंजीकरण कराया था। कई मामलों में एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य—पति, पत्नी, यहां तक कि नाबालिग बच्चे ने भी योजना का लाभ लेना शुरू कर दिया था। इसके अलावा, कुछ किसानों ने 1 फरवरी 2019 के बाद जमीन खरीदी और खुद को पात्र बताकर योजना में शामिल कर लिया। ऐसे मामलों को ‘अवैध’ मानते हुए सरकार ने उन्हें ‘संदिग्ध’ श्रेणी में रखा है।
हटाए गए नाम स्थायी रूप से नहीं हटाए गए
सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन किसानों के नाम सूची से हटाए गए हैं, उन्हें स्थायी रूप से अयोग्य नहीं घोषित किया गया है। इन नामों की फिजिकल वेरिफिकेशन की जा रही है, और जो पात्र पाए जाएंगे, उन्हें फिर से लाभार्थी सूची में शामिल किया जाएगा।
सरकार की नई गाइडलाइन
सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी पात्रता की तुरंत जांच करें। इसके लिए किसान pmkisan.gov.in
वेबसाइट पर जाकर “Eligibility Status” सेक्शन देखें। “Know Your Status (KYS)” विकल्प के जरिए यह पता करें कि नाम सक्रिय है या नहीं। यह जानकारी PM Kisan मोबाइल ऐप और किसान मित्र चैटबॉट के जरिए भी प्राप्त की जा सकती है।
अब तक 35 लाख से ज्यादा नाम हटे
सरकार के हालिया डेटा क्लीनअप अभियान के तहत अब तक 35,44,213 किसानों के नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं। पात्र किसान अपनी स्थिति सत्यापित कर मोबाइल फोन या मीसेवा केंद्र के जरिए पुनः आवेदन कर सकते हैं।
21वीं किस्त पर असमंजस बरकरार
सरकार ने 21वीं किस्त की तारीख की घोषणा नहीं की है। सोशल मीडिया पर ₹9,000 वार्षिक सहायता या ₹2,000 की किस्त बढ़ाने जैसे दावे झूठे बताए गए हैं। फिलहाल केंद्र का ध्यान लाभार्थी सूची की सफाई और सत्यापन पर है।
अधिकारियों का कहना है कि अगली किस्त तब जारी होगी, जब सभी अपात्र नाम हटाए जा चुके होंगे और पात्र किसानों की पुष्टि हो जाएगी।
50 लाख तक किसान हो सकते हैं अयोग्य
प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, करीब 50 लाख किसान अंततः अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं। इससे सरकार का वित्तीय बोझ घटेगा और धनराशि केवल वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचेगी। फिलहाल करीब 10 करोड़ किसान पीएम किसान योजना के तहत सहायता प्राप्त कर रहे हैं।

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