रेणुकूट में दिल दहला देने वाला सड़क हादसा , बाइक पर सवार दो युवकों को कुचलकर भागा ट्रक चालक
रेनूकूट में थम नहीं रहा है हादसों का सिलसिला
रेनूकूट क्षेत्र की घटना
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
रेणुकूट /सोनभद्र -
16 जून, 2025 को रेणुकूट के खाड़ पाथर रेंन टोला जाने वाले रास्ते पर एक भयानक सड़क दुर्घटना हुई। जिसमें एक बाइक पर सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे में एक तेज रफ्तार ट्रक चालक बाइक सवारों को कुचलकर मौके से फरार हो गया, जिससे मानवीयता को शर्मसार करने वाली स्थिति पैदा हो गई।दुर्घटना की सूचना मिलते ही टीम निशा बबलू सिंह के सदस्य डब्लू प्रताप सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्काल 112 पुलिस को घटना की जानकारी दी।
घायलों को बिना किसी देरी के हिंडाल्को अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घायलों के पैरों में गंभीर चोटें आई हैं, जिससे उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। इसके साथ ही उनके परिजनों को भी इस दु:खद घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है। यह त्वरित और समय पर की गई प्रतिक्रिया ऐसे आपातकालीन स्थितियों में कितनी महत्वपूर्ण होती है, इसका यह एक जीता-जागता उदाहरण है।
घटना की जानकारी सबसे पहले कृष्णा मंदिर के पास रहने वाले छोटे भाई मद्रासी ने दी। घायल होने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान धीरेंद्र कुमार (भरत लाल के पुत्र) और शिवम कुमार (किसन राम पटेल के पुत्र) के रूप में हुई है। ये दोनों ही बीड़र गांव, दुद्धी के निवासी हैं।यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा के गंभीर मुद्दों और सड़क पर बढ़ती लापरवाही को सामने लाती है। तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने वाले चालकों की वजह से कई निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है या गंभीर चोटें आती हैं।
सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि हादसे के बाद मौके से फरार हो जाना न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं की भी कमी को दर्शाता है। ऐसे मामलों में पीड़ित को अकेला छोड़ देना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।टीम निशा बबलू सिंह ने इस मुश्किल समय में जो जनहित का कार्य किया है, उसकी स्थानीय लोगों द्वारा खूब सराहना की जा रही है। उनका यह प्रयास दिखाता है कि संकट की घड़ी में कैसे एकजुट होकर पीड़ितों की मदद की जा सकती है और इंसानियत का फर्ज निभाया जा रहा है।
आस-पास के लोगों का कहना है कि टीम निशा बबलू सिंह के सदस्य आसपास के क्षेत्र में कोई दुर्घटना होने पर तुरंत वहां पहुंचते हैं और घायलों को पास के सामुदायिक केंद्र ले जाते हैं। यदि किसी मरीज को मुश्किल घड़ी में खून की जरूरत होती है, तो वे अपनी टीम के माध्यम से खून की व्यवस्था भी करवाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि सोनभद्र में यदि हर कोई ऐसा समाजसेवी बन जाए, तो इंसानियत आज भी इस धरती पर जिंदा रहेगी। टीम के सदस्य डब्लू सिंह अक्सर कहते हैं, मैं प्रभु का दास हूं और प्रभु के ही मार्गदर्शन पर चलता हूं। जय हिंद, जय भारत। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने, सावधानी से वाहन चलाने और आपात स्थिति में दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सड़क पर हमारी जरा सी लापरवाही किसी और के जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है।
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