ओबरा ऊर्जा राजधानी बदहाल सड़कों और बेलगाम वाहनों के शिकंजे में प्रशासन बेखबर, खदान मालिकों की बख्शीश बनी जानलेवा

ओबरा क्षेत्र में विना नम्बर प्लेट की सरपट दौड़ रही है ओवर लोड गाडियाँ,हादसों को दे रहे न्यौता, प्रशासन मौन

ओबरा ऊर्जा राजधानी बदहाल सड़कों और बेलगाम वाहनों के शिकंजे में प्रशासन बेखबर, खदान मालिकों की बख्शीश बनी जानलेवा

स्थानीय लोगों ने किया संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की मांग

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

ओबरा/ सोनभद्र-

ओबरा जो न केवल एशिया की सबसे बड़ी बिजली परियोजनाओं में से एक का केंद्र है, बल्कि उत्तर प्रदेश की ऊर्जा राजधानी के तौर पर भी अपनी पहचान रखता है, विकास के बावजूद आज भी खतरनाक रास्तों और बेलगाम वाहनों की समस्या से जूझ रहा है।

हाल के वर्षों में ओबरा-सी समेत तहसील भवन और अपर जिला जज न्यायालय जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का विकास हुआ है। यह सोनभद्र जिले की ओबरा तहसील और विधानसभा क्षेत्र है, और हो गया नगर पंचायत की लगभग 59 हजार की आबादी के साथ प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत है।जो वाराणसी से 137 किलोमीटर दूर रेणु और सोन नदियों के संगम पर स्थित ओबरा, चोपन रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।

 खेत में त्रासदी: रोटावेटर की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम Read More  खेत में त्रासदी: रोटावेटर की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम

IMG-20250511-WA0003

Delhi Mumbai Expressway:  दिल्ली-NCR में ये जमीनें बन जाएंगी सोना, बन रहा ये एक्सप्रेसवे  Read More Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली-NCR में ये जमीनें बन जाएंगी सोना, बन रहा ये एक्सप्रेसवे

यहां जवाहर बाल उद्यान, अंबेडकर स्टेडियम और भगवान शिव का मंदिर जैसे मनोरंजन स्थल भी हैं। ओबरा का पिन कोड 231219 है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से शक्तिनगर, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हालांकि, इस प्रगति के बावजूद ओबरा तक पहुंचने का सफर आज भी खतरनाक बना हुआ है।

बिधनू क्षेत्र में माइनर की सफाई नहीं, 10 बीघा की फसल जलमग्न Read More बिधनू क्षेत्र में माइनर की सफाई नहीं, 10 बीघा की फसल जलमग्न

यहां के रास्ते डेंजर जोन में तब्दील हो चुके हैं, जहां सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर बिखरे पड़े हैं, जो यात्रियों के लिए जानलेवा खतरा बने हुए हैं। बोल्डर खदानों से निकलने वाले ओवरलोड टिप्पर इन रास्तों पर 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से दौड़ते हैं। ब्रेकरों और छोटे-छोटे गड्ढों पर पत्थरों के गिरने से सड़कें लगातार क्षतिग्रस्त हो रही हैं और चारों ओर पत्थर व गिट्टी बिखरी पड़ी है, जिससे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जरा सी भी असावधानी होने पर राहगीरों का वाहनों से टकराकर गंभीर दुर्घटना का शिकार होने का खतरा हर पल मंडराता रहता है।

IMG-20250511-WA0004

ये ओवरलोड टिप्पर वाहन तेज रफ्तार से चलते हैं, मानो हवा से बातें कर रहे हों। हैरानी की बात यह है कि इन सड़कों पर चलने वाले अधिकांश टिप्पर वाहनों पर नंबर प्लेटें तक गायब हैं। कुछ गाड़ियों में नंबर हैं, तो कई बिना नंबर प्लेट के ही तेज गति से दौड़ रहे हैं, जिससे किसी भी दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित यात्रियों के लिए बीमा का दावा करना भी अत्यंत कठिन हो जाता है।

स्थानीय लोगों की मानें तो खदान मालिकों और क्रेशर व्यवसाय द्वारा प्रति चक्कर 50 से 100 रुपये तक की बख्शीश दी जाती है, जिसके चलते ये वाहन चालक तेज रफ्तार से सड़कों पर मौत बनकर दौड़ते हैं। बदहाल सड़कें और तेज रफ्तार ओवरलोड वाहनों का अनियंत्रित आवागमन ओबरा आने-जाने वाले हर व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

यहां के भयावह दृश्य तस्वीरों और वीडियो में स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं, जहां यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। सड़क पर फेंके गए पत्थर टायरों से छिटककर राहगीरों को घायल कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, ओबरा उपजिलाधिकारी को कुछ महीने पहले इस गंभीर समस्या से अवगत कराया गया था, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।

रास्ते पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव तक नहीं किया जाता है और खदानों से बड़े-छोटे पत्थर बेतरतीब ढंग से गिरा दिए जाते हैं। हाल ही में पत्थरों से लदे एक वाहन ने पुलिस के वाहन को भी टक्कर मार दी थी। जब प्रशासन ही सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या आलम होगा, यह सहज ही समझा जा सकता है।

IMG-20250511-WA0001

स्थानीय निवासियों का कहना है कि आने-जाने वाले मोटरसाइकिल सवार मुसाफिर खुद सड़कों से पत्थर हटा रहे हैं ताकि किसी और के साथ कोई अप्रिय घटना या दुर्घटना न हो जाए। वहीं, इन भारी वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों में जरा भी इंसानियत नजर नहीं आती कि वे सड़क से पत्थरों को हटा दें। इस गंभीर समस्या पर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण स्थानीय निवासी उन्हें कड़ी आलोचना कर रहे हैं, और खदान मालिकों की बख्शीश को इस जानलेवा स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

नेतन्याहू से मुलाकात के बाद जयशंकर का कड़ा संदेश, आतंकवाद पर भारत–इज़राइल एकजुट नेतन्याहू से मुलाकात के बाद जयशंकर का कड़ा संदेश, आतंकवाद पर भारत–इज़राइल एकजुट
International Desk  यरूशलम। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इज़राइल की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू...

Online Channel