एक ही समय दो जगह उपस्थिति दर्ज कराता रहा शिक्षामित्र-- भ्रष्टाचार
शिक्षामित्र की बाजीगरी खुलकर आई सामने
प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी की मिली भगत से खेला जाता रहा फर्जीबाड़ा का खेल
लखीमपुर खीरी- जनपद खीरी के बेसिक शिक्षा विभाग में एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला खुलकर सामने आया है इस खेल को जिसने भी सुना और जाना सभी हतप्रभ है कि ऐसा कैसे हो सकता है की एक आदमी एक समय ही दो जगह कैसे उपस्थित हो सकता है ऐसा देव तुल्य महामानव कौन हो सकता है जानना चाहते हैं तो चलिए हम आपको ले चलते हैं विकास खंड फुलबेहड़ के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय भीखनापुर जहां पर तैनात बतौर शिक्षामित्र सतीश कुमार द्वारा एक ही समय में दो-दो काम करके नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है मामले पर गौर करें तो उच्च शिक्षा मित्र सतीश कुमार शिक्षामित्र के पद पर तैनाती के साथ-साथ युवराज दत्त महाविद्यालय से बी ए की रेगुलर कक्षाएं भी लेते रहे और स्कूल शिक्षण कार्य भी करते रहे।
ऐसे में इनकी कक्षा में भी उपस्थित होने की बात को बल मिलता है यदि उपस्थिति कम होती तो परीक्षा में से वंचित किए जाते वही स्कूल रजिस्टर में भी इनकी नियमित उपस्थिति की पुष्टि करने को काफी है यह सारा फर्जीबाड़े का खेल चलता रहा और खंड शिक्षा अधिकारी फूल बेहड़ तथा प्रधानाध्यापक भीखनापुर को इसकी भनक तक नहीं लगी अजीब सा लगता है यहां पर कई सवाल खड़े होते हैं कि क्या सेवा के के दौरान रेगुलर छात्र के रूप में शिक्षा ग्रहण करने की विभागीय जिम्मेदार अफसर से अनुमति ली गई थी?उक्त अनुमति देने वाले सक्षम अधिकारी कौन रहे? यदि अनुमति नहीं ली गई तो यह अनुशासनहीनता का विषय बनता है।
तथा दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है एक साथ दोहरा लाभ नहीं लिया जा सकता है यदि स्कूल में शिक्षण कार्य करते रहे तो फिर कक्षा में उपस्थित कब रहे?और यदि आप रेगुलर कक्षाएं लेकर शिक्षा ग्रहण करते रहे तो स्कूल में शिक्षण कार्य कौन करता रहा?कहीं ना कहीं तो झोल है या महाविद्यालय फर्जी हाजिरी दर्ज करता रहा या फिर एनपीआरसी रहे चाचा श्री राम के रहते प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी फूलबेहड़ से साठ गाँठ करके फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज करके मानदेय निकाला जाता रहा।
फिलहाल मामला जांच का विषय बना है उक्त मामले में बगैर विभागीय अनुमति के बी. ए.की डिग्री शिक्षामित्र रहते हासिल करने के साथ-साथ दोहरा लाभ लेने के मामले में शिक्षामित्र के खिलाफ कार्रवाई न किया जाना विभागीय जिम्मेदारों के साठ गाँठ की ओर इशारा करता है खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? मामले का जिला अधिकारी ले संज्ञान और कराये निष्पक्ष जांच तो भ्रष्टाचार का मामला खुलकर आएगा सामने और जिम्मेदारों की भी तय होगी जवाब देही।

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