अम्बेडकरनगर: पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, बेगुनाह वाहन स्वामी पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 23 फरवरी 2025 की शाम करीब 8 बजे गोपालपुर चौराहा, थाना अहिरौली में एक सड़क हादसा हुआ था।
अम्बेडकरनगर।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 23 फरवरी 2025 की शाम करीब 8 बजे गोपालपुर चौराहा, थाना अहिरौली में एक सड़क हादसा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा एक नीले रंग की मारूति बलेनो कार से हुआ, जिसे क्षेत्र में चर्चित डॉ. दिग्विजय प्रताप सिंह की गाड़ी बताया गया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने डॉक्टर की गाड़ी को मौके से जाने की अनुमति दे दी।
इसी दौरान, भीड़भाड़ और मौके की स्थिति को देखते हुए महेश कुमार कि गाड़ी संख्या UP45V 9353 लेकर घटनास्थल पर पहुंचे और वहां अन्य वाहनों की तरह उनकी गाड़ी भी रुक गई। इसी बीच किसी ने उनकी गाड़ी की फोटो खींचकर उसे घटना से जोड़ते हुए अगले दिन 24 फरवरी 2025 को उनके वाहन के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दिया।
प्रार्थी महेश कुमार का कहना है कि उनकी गाड़ी का इस हादसे से कोई संबंध नहीं है, बावजूद इसके पुलिस ने बिना जांच-पड़ताल के उनकी गाड़ी पर मुकदमा दर्ज कर दिया। जब उन्होंने थाना अहिरौली पहुंचकर अपनी सफाई दी और सच्चाई जानने के लिए मौके पर मौजूद वाहन और डॉक्टर की बलेनो कार को बुलाकर मिलान कराने की मांग की, तो पुलिस ने उनकी बात को अनसुना कर दिया।
सबसे गंभीर आरोप महेश कुमार ने अहिरौली थाने के उपनिरीक्षक योगेंद्र सोनकर पर लगाया है। प्रार्थी का कहना है कि एसआई योगेंद्र सोनकर ने उनसे फोन पर संपर्क कर ₹25,000 की रिश्वत मांगते हुए कहा कि अगर पैसे दे दिए जाएं, तो उनकी गाड़ी का नाम एफआईआर से हटा दिया जाएगा।
पीड़ित महेश कुमार ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए न केवल अपनी गाड़ी को इस झूठे मुकदमे से मुक्त कराने की मांग की है, बल्कि दोषी पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
इस प्रकरण ने पुलिस विभाग की छवि पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस अधीक्षक इस मामले में क्या संज्ञान लेते हैं और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

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