जिला विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह पर  सचिव सुधीर सिंह पड़ रहे भारी

सचिव सुधीर सिंह की लगातार 06 वर्षों की मनचाही तैनाती जिला विकास अधिकारी  के भ्रष्टाचार की खोल रही पोल

जिला विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह पर  सचिव सुधीर सिंह पड़ रहे भारी

- प्रमुख सचिव (पंचायत )से शिकायत होने के बाद भी जिला विकास अधिकारी ने मामले को किया रफा दफा 

बस्ती। बस्ती जिले के विकासखण्ड गौर में लगातार 06 वर्षों से तैनात ग्राम विकास अधिकारी सुधीर सिंह डी० डी० ओ० अजय कुमार सिंह पर भारी पड़ रहे हैं । सचिव का अन्य ब्लाक में स्थानांतरण करना जिला विकास अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के लिए चुनौती बना हुआ है और यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार का संकेतक है । स्थानांतरण नीति को ताख पर रख कर की गई तैनाती को लेकर पी जी पोर्टल पर शिकायत किया गया था । पी जी पोर्टल पर शिकायत होने पर अपर प्रमुख सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव - पंचायती राज विभाग को मामले की जांच मिली थी ।
 
अपर प्रमुख सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव - पंचायती राज विभाग ने निर्देशक पंचायती राज को जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया था । निर्देशक पंचायती राज ने उक्त प्रकरण में डीपीआरओ  (जिला पंचायत राज अधिकारी बस्ती ) रतन कुमार से जांच आख्या मांगी थी डीपीआरओ ने जांच किया तो लेकिन जांच में पता चला कि सचिव सुधीर सिंह ग्राम विकास अधिकारी है । जो हमारे कार्य क्षेत्र में नही आता है । ग्राम विकास अधिकारियों (सचिवों ) का स्थानांतरण डीडीओ ( जिला विकास अधिकारी ) ही कर सकते हैं । डीपीआरओ मात्र ग्राम पंचायत अधिकारियों ( सचिवों ) का ही स्थानांतरण कर सकते हैं ।
 
डीपीआरओ ने दिनांक - 28 -09-2024 को डीडीओ ( जिला विकास अधिकारी बस्ती ) को नोटिस जारी कर शासनादेश के खिलाफ तैनात सचिव / ग्राम विकास अधिकारी सुधीर कुमार सिंह के मामले को अवगत कराया था कि उक्त प्रकरण आपके विभाग से संबंधित है । उक्त प्रकरण में जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा था । डीपीआरओ रतन कुमार ने डीडीओ को रिसीव कराये गये नोटिस की सूचना निर्देशक पंचायती राज को अवगत कराया था । निर्देशक पंचायत राज ने डीपीआरओ के द्वारा जांच में उपलब्ध कराये गये नोटिस को पी जी पोर्टल पर अपलोड करके दिनांक - 10-10-2024 को मामले का निस्तारण कर दिया था ।
 
डीपीआरओ रतन कुमार के द्वारा जारी नोटिस पर डीडीओ ने कोई कार्रवाई नहीं किया है और सचिव / ग्राम विकास अधिकारी सुधीर सिंह का गौर ब्लाक के अलावा अन्य ब्लाक में स्थानांतरण करने के बजाएं स्थानांतरण नीति का हवाला देकर डीडीओ ने सुधीर कुमार सिंह बचाने में पूरी ताकत झोंक दिया है । अब आप सोच सकते हैं कि योगी सरकार में अधिकारी / कर्मचारी कितने ईमानदारी / जिम्मेदारी / नियमों से अपने कार्यों का निर्वाहन कर रहे हैं । आखिर क्यों शासनादेश / स्थानांतरण नीति का पालन करने में जिम्मेदार अधिकारी कन्नी काट रहे है जिसको लेकर योगी सरकारी की छवि धूमिल हो रही है । 
 
सूत्रों की माने तो विकास भवन बस्ती में डीपीआरओ एवं डीडीओ से सम्बंधित अधिकारी के कार्यालय में पुरानी कहावत सिद्ध हो रही है कि *पैसा फेकों तमाशा देखों* अर्थात जो सचिव संम्बंधित अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत बाबू को मनचाहा सुविधा शुल्क दे दे उसके लिए कोई शासनादेश / स्थानांतरण नीति नही लागू है और जो सचिव संम्बधित कार्यालय में कार्यरत बाबू को मनचाहा सुविधा शुल्क न दे उसके लिए शासनादेश / स्थानांतरण नीति लागू है । अब देखना है कि तेज तर्रार मुख्य विकास अधिकारी जय देव सीएस के द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर सचिव सुधीर सिंह का स्थानांतरण कर पाते हैं या मामला लीपापोती तक ही सीमित रहेगा ।

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