बौधपरिपथ एनएच 730 पर बने टोल प्लाजा पर की जा रही नियमो की अनदेखी
यात्री सुविधाओं के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति बाकी व्यवस्था दिखा शून्य
ओवरलोड वाहनों से लोडिंग के नाम पर चल रहा अवैधवसूली का खेल
विशेष संवाददाता मसूद अनवार की रिपोर्ट
जहां सरकार राष्ट्रीय राजमार्गो पर आवागमन करने वाले यात्रीयो व मालवाहकों के कर्मियों की सुविधाओं के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं करने की बात करती है और मालवाहक वाहनों व यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मार्गो पर पड़ने वाले टोल प्लाजा पर तमाम तरह की व्यवस्थाएं करवाने का दावा करती है। जिससे यात्रियों को असुविधा न हो ।जिसको लेकर टोलप्लाजाओ को नियम के पालन को लेकर निर्देशित की जाता है ।जिसमे इमरजेंसी सेवाओ को लेकर फोन काल की सुविधा हेतु मार्गो पर फोन बूथ , एम्बुलेंस की सुविधाएं फस्टएड के साथ प्रसाधन की सुविधाएं दी जाने के साथ अन्य सुविधाओं को मानक अनुसार पूरा करना होता है। जिससे यात्रियों और लंबी दूरी के माल वाहक वाहनों के कर्मियों के लिए किसी भी स्थित में सहायता प्रदान की जा सके ।लेकिन ऐसी सुविधाए सिर्फ कागजी साबित हों रही है जिसकी बानगी बलरामपुर बढ़नी राजमार्ग एनएच 730 पर बने टोल प्लाजा पर देखने को मिल रही है जंहा यात्री व माल वाहक वाहनों के यात्रियों को टोल प्लाजा पर ऐसी कोई सुविधा नही मिल पा रही वही उनसे दबंगई जैसी घटना आम सी बात हो गई है और व्यवस्था को जो तस्वीर दिखती है वह सारे दावो की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है और एक बड़ा जांच का बिषय है,
ताजा मामला बलरामपुर बढ़नी मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग 730 पर बने टोल प्लाजा का है यहां पर यात्री सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं देखी जा रही है। वही सूत्र के माने तो इस मार्ग पट बनाए गए टोल प्लाजा पर दबंगई और भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिसके चलते मात्र एक बैरियर को खोला जाता है बाकी 2 को ब्लॉक कर दिया आता है जिससे काफी लंबी लाइन लग जाती है ।जिससे तमाम यात्रियों का समय तो बर्बाद होता है साथ ही घण्टो उनको रुकना पड़ता है ।इस सम्बन्ध में मार्ग पर चलने वाले ड्राइवर व यात्री से इसकी जानकारी सूत्र द्वारा मिल रही है ।इसके साथ ओवरलोड वाहनों से ओवरलोड के नाम पर यहां अवैध वसूली की बात का भी खुलासा हुआ है जिसमे ओवरलोड के नाम पर जबरन वसूली के मामले भी देखे जा रहे है।इसके साथ लंबी दूरी के वाहनों को घंटे लाइन में लगन इंतजार करना पड़ता है। जबकि नियम का तो यह है कि 100 मीटर तक लाइन व 10 मिनट से अधिक टोल प्लाजा पर रुकने पर टोल टैक्स नहीं दिया जाने प्रावधान है लेकिन टोल प्लाजा के कर्मियों की दबंगई और हठधर्मी के चलते उन्हें मजबूरन टोल टैक्स देकर जाना पड़ता है जैसे उत्पीड़न के मामले देखे जा रहे । टोल प्लाजा के जिम्मेदारों से संपर्क करने पर उनका नंबर कवरेज से बाहर दिखता है जिससे उनका पक्ष नहीं मिल सका।

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