सरकार ने सभी चिकित्सकों को ओपीडी में पूरा समय देने के जारी किए निर्देश
नियमित अस्पताल न आकर आए दिन नदारद रहते हैं डॉक्टर
स्वतंत्र प्रभात
हैदरगढ बाराबकी -बरसात के मौसम में संक्रामक बीमारियों को देखते हुए ग्रामीणो को इलाज के लिये इधर-उधर भटकना न पड़ें और अच्छा इलाज मुहैया काराए जा सके इसके लिये सरकार ने सभी चिकित्सकों को ओपीडी में पूरा समय देने के निर्देश जारी किये है वही विकासखंड हैदरगढ़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चिकित्सक व स्टाफ के लिए मुख्यमंत्री का यह आदेश कोई मायने नहीं रखता है और नियमित अस्पताल न आकर आए दिन
नदारद रहते हैं जिससे ग्रामीणों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है ऐसी ही कुछ बदहाल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थलवारा पर देखने को मिली जहां पर ग्रामीणों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराया गया वैसे अस्पताल मे पर्याप्त स्टाफ की कमी तो बनी हुई है फ़िर भी यहाँ पर एक चिकित्सक ,फार्मासिस्ट, समेत एक एनम की तैनाती होना बताया जा रहा है लेकिन यहां पर सोमवार को यहाँ पर पहुचकर जायजा लिया गया तो कोई भी चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित नहीं मिला अस्पताल के अंदर अकेले ही एनम रुबी मौजूद पाई गई वही आसपास के दर्जनो मरीज दवा लेने के लिये अस्पताल के अन्दर कुर्सी पर बैठे
हुए नजर आये वही जब डॉक्टर व अन्य स्टाफ के अनुपस्थित होने की जानकारी एनएम से ली गई तो वहाँ पर मौजूद एनम ने बताया कि यहां पर तैनात डॉक्टर अंजली व फार्मासिस्ट छुट्टी पर है वही दवा लेने आये मरीज असरद से पूछा गया की जब यहां पर डॉक्टर नही है तो दवा कौन देता है तो उन्होने कहा की अस्पताल में कौन डॉक्टर है इसके बारे में हमें नहीं पता क्योकि चिकित्सक बहुत कम ही अस्पताल आती है ज्यादातर एनएम मेडम ही मिलती है इसलिए हम लोग इन्हीं से दवा लेकर चले जाते हैं तो बुजुर्ग शिवबहादुर भी दवा लेने आये थे लेकिन चिकित्सक के न मिलने से मेडम से दवा लेकर चले गये वहीं अस्पताल परिसर मे साफ सफाई व्यवस्था बदहाल दिखी चारो तरफ गन्दगी की भरमार रही यहाँ पर काफी दिनो से साफ सफाई न होने से अस्पताल व कर्मचारी के लिये बने आवास बड़ी- बड़ी घास व झाली झंकार मे तब्दील
नजर आये जिससे यहां पर विषैले जीव जंतु का भय भी बना रहता है स्थानीय लोगों ने बताया कि कर्मचारी व डाक्टरों के रहने के लिए सरकारी आवास बनाये गये हैं लेकिन यहाँ पर कोई चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी रात्रि निवास नही करते है देखरेख व रखरखाव के अभाव के चलते आवास भी खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं वही लोगो का यह भी कहना था जिम्मेदार अधिकारियो की लापरवाही के चलते ही स्वास्थ्य वयवस्था बेपटरी है और लोगो को बेहतर इलाज न मिलने की वजह से सरकारी अस्पताल मे इलाज न करवाकर निजी चिकित्सको के यहां करवाना पड़ रहा है ।कुल मिलाकर यहां पर स्वास्थ्य चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी दिखी और मुख्यमंत्री के आदेश का पालन होता हुआ नही नजर आया। वही इस संबंध में जब चिकित्सा प्रभारी मुकुंद पटेल से मोबाइल फोन से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं रिसीव हो सका ।
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