श्रीमद्भागवत कथा सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्ति: कथा व्यास पं दुर्गेश तिवारी

श्रीमद्भागवत कथा सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्ति: कथा व्यास पं दुर्गेश तिवारी

रामसनेहीघाट बाराबंकी।  भ-भक्ति, ग-ज्ञान, व- वैराग्य और त-त्याग यानी जो कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य सीखाकर त्याग, तपस्या के मार्ग सेमोक्ष तक ले जाए वो होती है भागवत कथा। जिस प्रकार रामायण हमें जीना सिखाती है, महाभारत हमें रहना और गीता हमें कार्य करने काउपदेश देती है उसी प्रकार भागवत कथा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि सच्चे मन से श्रद्धा के साथ श्रीमद्भागवत कथा को सुनकर मोक्ष को प्राप्तकिया जा सकता है।


रामसनेहीघाट बाराबंकी।  भ-भक्ति, ग-ज्ञान, व- वैराग्य और त-त्याग यानी जो कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य सीखाकर त्याग, तपस्या के मार्ग सेमोक्ष तक ले जाए वो होती है भागवत कथा। जिस प्रकार रामायण हमें जीना सिखाती है, महाभारत हमें रहना और गीता हमें कार्य करने काउपदेश देती है उसी प्रकार भागवत कथा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि सच्चे मन से श्रद्धा के साथ श्रीमद्भागवत कथा को सुनकर मोक्ष को प्राप्त किया जा सकता है। यह बात तहसील रामसनेहीघाट क्षेत्र के पूरे ब्राह्णण महुलारा में ब्रम्हदेव बाबा के स्थान पर ग्रामीणों के सहयोग से आयोजितश्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन गुरु आश्रम बड़ी छावनी श्रीधाम अयोध्या से पधारे कथा व्यास पंडित दुर्गेश तिवारी ने कही। 

उन्होंने कहा कि जीवन में श्रीमद्भागवत कथा कहा कि भ-भक्ति, ग-ज्ञान, व-वैराग्य और त-त्याग यानी जो कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य सीखाकरत्याग, तपस्या के मार्ग से मोक्ष तक ले जाए वो होती है भागवत कथा। जिस प्रकार रामायण हमें जीना सिखाती है, महाभारत हमें रहना और गीताहमें कार्य करने का उपदेश देती है उसी प्रकार भागवत कथा सुनने से मनुष्य सभी पापों से छुटकारा पाकर उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है । कथाव्यास श्री तिवारी ने कहा कि  हमें जीवन के अंत समय में किस तरह और क्या कार्य करने चाहिए इस कथा से सीखने को मिलता हैं। कथा के पहले दिन उन्होंने तीन अध्यायों के माध्यम से जीवन प्रबंधन के बारीक गुर सिखाएं। उन्होंने कहा की जीवन में आने वाली समस्याओं से मनुष्यभागता है, लेकिन उसे समस्याएं अपने नजदीक खींच लेती है इसलिए भागवत कथा उपदेश देती है की समस्याओं से भाग मत यानी इनसमस्याओं पर विजय प्राप्त कर। 

कथा व्यास ने कहा की प्रत्येक मनुष्य के जीवन में पांच तरह से समस्याएं आती है। यह पांच समस्याएं संसार, संबंधों, संपत्ति, स्वास्थ्य औरसंतान है, जिनसे लड़ते-लड़ते मनुष्य शरीर त्याग देता है। जो मनुष्य इन समस्याओं को जीतकर प्रभु भक्ति में लीन रहता है, वो संसार में रहकरभी संसार को जीतकर साधु बन जाता है। इसके बाद व्यक्ति मोक्ष की तरफ अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा दैहिक, दैविक वभौतिक तीनों प्रकार के तापों का विनाश करती है। इस दौरान अमन तिवारी, हारिकरन तिवारी, विमल तिवारी, पंडित शिवा नंद मिश्र, अजयतिवारी, नीरज शास्त्री, राहुल ओझा, महेंद्र तिवारी, चंदन तिवारी, रिंकू तिवारी, भगौती तिवारी, दीनानाथ तिवारी, रमेश तिवारी सहित तमाम लोगमौजूद रहे।

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