नैनो तरल यूरिया से किसानों को होगा कई गुना फायदा: के.एन. तिवारी

नैनो तरल यूरिया से किसानों को होगा कई गुना फायदा: के.एन. तिवारी

तहसील फतेहपुर क्षेत्र के गांव में किसान सभा कार्यक्रम में डॉ केएन तिवारी ने बताया जितने भूमि खंड में 45 किलो की एकबोरी यूरिया काम करती है उससे दुगनी भूमि पर आधा लीटर नैनो तरल यूरिया काम करेगी।


फतेहपुर/बाराबंकी। तहसील फतेहपुर क्षेत्र के गांव में किसान सभा कार्यक्रम में डॉ केएन तिवारी ने बताया जितने भूमि खंड में 45 किलो की एकबोरी यूरिया काम करती है उससे दुगनी भूमि पर आधा लीटर नैनो तरल यूरिया काम करेगी। किसानों को चाहिए पहले वो आधे खेत में नैनो तरलयूरिया और आधी दानेदार यूरिया डालें आप देखेंगे पैदावार का अंत उससे कहीं ज्यादा होगा। मेंथा की फसल पत्तियों वाली होती उसमें ये नैनोतरल यूरिया बहुत अच्छे रिजल्ट देगी।

उक्त किसान सभा के कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक और इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) द्वारा विकासखंड फतेहपुरके गांव टांडपुर में आयोजित किसान चौपाल में कही। टांडपुर के प्रगतिशील किसान राम सांवले शुक्ला के खेतों पर पहुंचकर इफको केपदाधिकारियों ने किसानों को नैनो तरल यूरिया और जल्द मार्केट में आने वाली व सुगमता से प्राप्त होने वाली नैनो डीएपी के अनगिनत फायदेबताएं। इस दौरान टांडपुर में संचालित किसान ट्रेनिंग सेंटर द्वारा इस विकट सर्दी में गरीब महिलाओं व किसानों को कंबल वितरित कर मानवताका संदेश दिया। कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विज्ञान के एचओडी प्रो. केएन तिवारी नेकहा, दानेदार यूरिया जब भी किसान भाई इस्तेमाल करते हैं तो गेहूं-सरसों में उसका 40-50 फीसदी हिस्सा ही पौधे उपयोग करते हैं। जबकिधान में पूरी मात्रा का यूरिया सिर्फ 25-30 उपयोग फसल करती है। बाकी 75 फीसदी यूरिया का फसल उपयोग ही नहीं करती जिससे किसानका ज्यादा नुकसान होता है। वही नैनो तरल यूरिया के कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि वो सीधे पत्तियों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे किसान का कईगुना फायदा होगा। नैनो तरल यूरिया के इस्तेमाल करने से फसल की गुणवत्ता अच्छी खासी वृद्धि होती है। और उत्पादन ज्यादा होता है। किसानोंके अपनी बात रखते हुए आगे प्रो. तिवारी ने कहा कि बाराबंकी में मेँथा की खेती बड़े पैमाने पर होती है। मेंथा की फसल पत्तियों वाली होतीहै,नैनो तरल यूरिया पत्तियों पर बहुत अच्छा असर करती है। अगर किसान फसल में नैनो तरल यूरिया व सल्फर का सही उपयोग करें तो तेल काज्यादा उत्पादन किसानों को मिल सकता है।

इस दौरान टांडपुर गांव पहुंचे इफको के चीफ मैनेजर, उत्तर प्रदेश डॉ. एसपी सिंह ने बाराबंकी के किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा यहां काकिसान बहुत ही प्रगतिशील हैं। मैंने देखा है कि यहां के किसान खेती में आधुनिक पद्दतियों का इस्तेमाल कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।यह किसान जब नैनो तरल यूरिया का प्रयोग करेंगे तो उन्हें और फायदा मिलेगा। नैनो तरल यूरिया इफको के सभी केंद्रों पर आसानी से उपलब्धहै। और उसे पानी में मिलाकर आसानी से पत्तियों के ऊपर छिड़काव किया जा सकता है। गांव पहुंचे अधिकारियों का स्वागत करते हुएप्रगतिशील किसान रामसागर शुक्ला ने कहा कि हम किसानों के लिए गर्व की बात है कि इतने बड़े बड़े वैज्ञानिक हमारे घर और खेत में आकरहमें अच्छे तरीके से खेती के फायदे बता रहे हैं। हमने अपने एक एकड़ नैनो तरल यूरिया का प्रयोग किया है। इफको के अधिकारियों ने किसानोंको ये भी बताया जब कहीं से भी यूरिया की बोरी खरीदें तो रसीद जरुर लें क्योंकि एक बोरी यूरिया पर किसान 4000 का बीमा होता है जो एकसाल तक चलता है। अगर किसान ने साल में 25 बोरी यूरिया खरीदता है तो उसका एक लाख का बीमा हो जाता है। इस मौके पर मौजूद रहेलोगों में किसान राम सांवले शुक्ला, नरेंद्र त्रिपाठी,अभय राज सिंह, नरेंद्र शुक्ला, कौशल किशोर शुक्ला, शैलेंद्र,  शिवम सिंह, सुबेदार, जयकरण, मेघराज सिंह, समेत अनेक स्थानीय किसान मौजूद रहे।

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