राहुल जायसवाल की रिपोर्ट।
स्वतंत्र प्रभात
नैनी, प्रयागराज।
भूदान विनियोजन आंदोलन के साथियों द्वारा दिल्ली में आंदोलित किसान आंदोलन को पूर्ण समर्थन दिया जा रहा है। प्रवक्ता सत्यम राय संघर्ष ने कहा कि, “न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर फसलों की खरीद ना हो सके यह मात्र सुनिश्चित कराना सरकार का प्रथम दायित्व होना चाहिए। उनका कहना है कि किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हाथों बेचने की मंशा से लाया गया कृषि सुधार कानून किसानों के साथ ही धोखा है।
इसकी मार आम जनमानस को भी झेलनी पड़ेगी। इसलिए बाबा बिनोवा भावे और महात्मा गांधी के लोग जिन्हें कृषक कहा जाता है, उनके इस नीतिगत सामाजिक आंदोलन को भूदान विनियोजन आंदोलन पूर्ण समर्थन देता है। यदि सरकार जल्द से जल्द इस काले कानून को वापस नहीं लेती है और एमएसपी की लिखित जवाबदेही नहीं तय करती है तो भूदान विनियोजन आंदोलन की अध्यक्षा श्रीमती शिमला श्री के नेतृत्व में भूदान के सभी कार्यकर्ता सड़कों पर आंदोलन को मजबूर होंगें, ततपश्चात सम्पूर्ण जवाबदेही सरकार की होगी।