यहां विद्यालय के ताले शासन नहीं बल्कि अध्यापकों के मर्जी से खुलते हैं ।

यहां विद्यालय के ताले शासन नहीं बल्कि अध्यापकों के मर्जी से खुलते हैं । संजय उपाध्याय (रिपोर्टर ) चौरी भदोही । चौरी क्षेत्र के एक दर्जन प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय ऐसे हैं जहां के ताले शासन के आदेश पर नहीं बल्कि कार्यरत अध्यापक के मर्जी पर खुलते हैं और उन्हीं के मर्जी पर बंद हो

यहां विद्यालय के ताले शासन नहीं बल्कि अध्यापकों  के मर्जी से खुलते हैं ।

संजय उपाध्याय (रिपोर्टर )

चौरी भदोही ।

चौरी  क्षेत्र के एक दर्जन प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय ऐसे हैं जहां के ताले शासन के आदेश पर नहीं बल्कि कार्यरत अध्यापक के मर्जी पर खुलते हैं और उन्हीं के मर्जी पर बंद हो जाते हैं इन विद्यालयों के अध्यापकों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा भी खुली छूट मिली हुई है और कभी इनकी जांच तक नहीं होती

वर्तमान समय में जब कुरोना महामारी से देश जूझ रहा है   पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो रहा है ऐसी स्थिति मे अध्यापकों की जिम्मेदारी बढ गयी है । वही शासन के निर्देशानुसार विद्यालय को सुबह 8:00 बजे से 2:00 बजे दिन तक संचालित करना है और अध्यापकों को  ऑनलाइन पढ़ाई का कार्य संपादित करना है

वही रीड अलांग एवं दीक्षा ऐप के माध्यम से घर घर जाकर बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को जोड़ना है तथा शिक्षा के प्रति उन्हें प्रेरित करना है लेकिन अफसोस है कि अभी इन गांवों में अध्यापकों के दर्शन तक नहीं हुए हैं क्षेत्र के हरिचंदनपुर कंधिया अमवा अशोगा पुर धनापुर  ऐसे विद्यालय हैं जहां गांव वालों की माने तो 2 घंटे से अधिक विद्यालयों का संचालन नहीं होता

ग्रामीणों का कहना है कि इन विद्यालयों पर कार्यरत शिक्षा मित्र एवं चपरासी उसी गांव के हैं जो सीधे दादागिरी करते हैं और हेड मास्टर के आदेश का अनुपालन नहीं करते  कई बार इन शिक्षामित्र एवं चपरासियों द्वारा हेड मास्टर से हाथापाई तक हो चुकी है लेकिन शिकायत को अधिकारी नजरअंदाज कर देते   हैं

ऐसी स्थिति में इन विद्यालयों की काफी भयावह स्थिति हो गई है भाजपा के वरिष्ठ नेता रंगनाथ दुबे का कहना है कि   प्राथमिक एवं जूनियर स्तर पर पठन-पाठन का कार्य एकदम खराब हो गया है उन्होंने कई गांव का दौरा कर असली तस्वीर शासन को भेजी है ।तथा कार्रवाई की मांग की है ।

सहायक शिक्षा अधिकारी भदोही जंगी लाल मौर्य का कहना है शिकायत मिलने पर कंबाइन विद्यालय कंधिया को 1 सप्ताह पहले चेक किया गया था जहां पर हेड मास्टर के सिवा कोई कर्मचारी नहीं मिला सारे लोगों का वेतन रोक कर स्पष्टीकरण मांगा गया है बाकी विद्यालयों की भी जांच की जाएगी अगर बात सही है तो उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी

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