मृदा परीक्षण के 52 नमूने फेल, दोबारा शुरू हुआ सैंपलिंग का कार्य

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो शुक्लागंज-उन्नाव। लोक निर्माण विभाग की वित्त कमेटी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम की टीम पिछले कई दिनों से सरैयां क्रासिंग के पास मृदा का परीक्षण कर नमूने लेने का कार्य कर रही थी। टीम ने पैंतीस मीटर गहराई तक दो-दो मीटर के अंतर में मिट्टी के सैंपल लेने का

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो शुक्लागंज-उन्नाव। लोक निर्माण विभाग की वित्त कमेटी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम की टीम पिछले कई दिनों से सरैयां क्रासिंग के पास मृदा का परीक्षण कर नमूने लेने का कार्य कर रही थी। टीम ने पैंतीस मीटर गहराई तक दो-दो मीटर के अंतर में मिट्टी के सैंपल लेने का काम किया था। सैंपल लेने के बाद भुवनेश्वर प्रयोगशाला में जांच के लिये भेजी जानी थी। मिट्टी की जांच रिपोर्ट भेजने के पहले कंपनी के इंजीनियरों ने जांच की। जिसमें मिट्टी कम क्षमता की पाई गई। जिसके बाद दोबारा मृदा परीक्षण का कार्य शुरू किया गया है।

सरैयां क्रासिंग पर लोक निर्माण विभाग की वित्त कमेटी द्वारा ओवर ब्रिज प्रस्तावित भी है। जिसकी लागत लगभग अस्सी करोड़ बताई गई है। जो आठ सौ पचास मीटर लंबा होगा। कमेटी के निर्देश पर दिल्ली एस एम कंसल्टेशन कंपनी सरैयां क्रासिंग पर 35 मीटर गहराई तक दो-दो मीटर के अंतर में मिट्टी के सैंपल लिये थे। जिसे भुवनेश्वर प्रयोगशाला में जांच के लिये भेजे जाने से पहले कंपनी के इंजीनियर हैप्पी सिंह ने मिट्टी के जांच इंजीनियर रणधीर सिंह को सौंपी। जांच में मिट्टी कम क्षमता की पाई गई। टेस्टिंग में नमूने फेल होने पर बुधवार को एक बार फिट टीम सरैयां क्रासिंग पहुंची।

जहां टीम ने दोबारा मृदा परीक्षण का कार्य शुरू किया गया है। इस बार बोरिंग के जरिये हर 35 मीटर तक हर एक-एक मीटर की मिट्टी निकाल कर सैंपल के लिये एकत्र की जा रही है। सैंपलिंग होने के बाद फिर इंजीनियर मृदा का परीक्षण करेंगे। नमूने सही होने के बाद ही भुवनेश्वर लैब में भेज जायेंगे। और मिट्टी की गुणवत्ता की जांच की जायेगी।

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