
भवानीपुर के समाजसेवी संदीप शुक्ला के पशु प्रेम के सब है दीवाने।
भवानीपुर के समाजसेवी संदीप शुक्ला के पशु प्रेम के सब है दीवाने। प्रदीप दुबे (रिपोर्टर ) भदोही। समाज में आदमी दूसरे के काम आने में कई बहाना करके निकलना चाहता है और फिर झूठा प्रेम दिखाता है। जिससे यह साबित हो जाये कि सच में वह परेशान था। लेकिन इसी समाज में ऐसे भी लोग
भवानीपुर के समाजसेवी संदीप शुक्ला के पशु प्रेम के सब है दीवाने।
प्रदीप दुबे (रिपोर्टर )
भदोही।
समाज में आदमी दूसरे के काम आने में कई बहाना करके निकलना चाहता है और फिर झूठा प्रेम दिखाता है। जिससे यह साबित हो जाये कि सच में वह परेशान था। लेकिन इसी समाज में ऐसे भी लोग है जिनका कार्य पूर्णतः निंस्वार्थ है और समाज ऐसे समाज के रत्नों के कार्यो की खूब प्रशंसा करती है।
ऐसे ही एक युवा समाजसेवी संदीप शुक्ला है जो औराई क्षेत्र के भवानीपुर के निवासी है। जिनको औराई में स्थित एक बैंक के पास बंदरों को चना गुड केला या फल खिलाये बिना आनन्द ही नही आता है। जब बंदरों को चना फल इत्यादि खिला देते है तो संदीप को बडी ही खुशी होती है।
संदीप ने बताया कि मनुष्य तो बोलकर अपना दर्द बयान कर सकता है लेकिन बेजुबान जानवर तो केवल अपने दर्द को छिपा कर जीते है। तो एक मनुष्य होने के नाते मानवता वश जो भी हो पाता है भूखे बंदरों को दे पाता हूं।
संदीप ने सभी से आह्वान किया कि आप यदि बेजुबानों को कुछ खिला पिला नही सकते तो कम से कम उनको मारने पीटने से तो बचना चाहिए। संदीप को आते देखकर बंदर दौडकर आ जाते है माधो ऐसा लगता है कि बंदरों का कोई खास मित्र आ गया है। और सभी बंदर खुश होकर संदीप द्वारा लाये गये सामग्री को बडे ही प्रेम से खाते है।
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