बिना किसी लक्षण के भी प्रवासियों को 21 दिन का होगा होम क्वेरेंटाइन

बिना किसी लक्षण के भी प्रवासियों को 21 दिन का होगा होम क्वेरेंटाइन

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निगरानी समिति का गठन आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गयी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी अमेठी।कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में किये गए लॉक डाउन के चलते प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों में फंस गए थे,सरकार फंसे लोगों को

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निगरानी समिति का गठन 

आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गयी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी    

                  अमेठी।कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में किये गए लॉक डाउन के चलते प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों में फंस गए थे,सरकार  फंसे लोगों को वापस उनके घर तक पहुंचाने का काम कर रही है।इसके तहत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों के लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है,उन लोगों द्वारा कोरोना संक्रमण न फैले।

इस संबन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने सभी मंडलायुक्तों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं।उन्होने कहा है कि प्रवासियों के आगमन के बाद जिला प्रशासन उनकी स्क्रीनिंग करेगा।इसके साथ ही प्रत्येक प्रवासी का पता एवं मोबाइल नम्बर सहित लाइन लिस्टिंग की जायेगी,स्क्रीनिंग में किसी प्रकार के लक्षण मिलने पर उन्हें फैसिलिटी क्वेरेंटाइन में रखा जायेगा तथा जाँच होगी,जाँच में संक्रमित मिलने पर अस्पताल में भर्ती करवाया जायेगा।

लक्षण वाले जो व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते हैं, उन्हें फैसिलिटी क्वेरेंटाइन में रखकर दोबारा जांच होगी।सात दिनों के बाद भी वह संक्रमित नहीं पाया जाता है,तो उसे अगले 14 दिन के लिए होम क्वेरेंटाइन में भेजा जाएगा,बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को 21 दिन के होम क्वेरेंटाइन में भेजा जायेगा,ऐसे श्रमिकों, कामगारों, जिनके घरों में होम क्वेरेंटाइन की व्यवस्था नहीं है उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वेरेंटाइन में रखा जायेगा।

होम क्वेरेंटाइन की अवधि के दौरान उनके परिवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि जहाँ तक संभव हो प्रवासी घर में अलग कमरे में रहे।साथ ही व मास्क, गमछे या दुपट्टे से मुंह को अवश्य ढंके,हाथों को साबुन व् पानी से बार-बार धुले,ऐसे घर में किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी,घर के किसी एक ही सदस्य को जरूरी सामान की खरीद फरोख्त के लिए घर से बाहर निकलने दिया जायेगा,बाहर जाने वाला व्यक्ति लौटने पर हाथों को साबुन व पानी से धुलेगा।

अनिवार्य रूप से मास्क,गमछा,दुपट्टे से मुंह ढंकेगा और दो गज की दूरी से ही लोगों से मिलेगा।इसके लिए निगरानी समिति बनायी जाएगी जो यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार के सभी सदस्यों को राजकीय सुविधाओं एवं राहत योजनाओं का लाभ मिलता रहे,परिवार को किसी सामाजिक विरोध या कठिनाई का सामना करना पड़े तो इसकी शिकायत वह निगरानी समिति से करेंगे,समुदाय में सर्विलांस और सहयोग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्राम निगरानी समिति तथा शहरी क्षेत्रों में सभासद के नेतृत्व में मोहल्ला निगरानी समिति का गठन किया जायेगा,ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति में आशा, आंगनवाड़ी,चैकीदार,युवक मंगल दल के प्रतिनिधि तथा अन्य सदस्य होंगे।

इसी तरह शहरी क्षेत्रों की मोहल्ले निगरानी समिति में आशा,सिविल डिफेंस,आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि,नगर निकाय के क्षेत्रीय कार्मिक तथा अन्य सदय होंगे,नगर विकास विभाग द्वारा प्रवासियों का सर्विलांस एवं सहयोग किया जाएगा,आशा द्वारा प्रवासियों की सूचना प्रतिदिन ब्लॉक कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजेर को उपलब्ध कराई जायेगी,जो पोर्टल पर सूचना की एंट्री करेंगे,परिवार के किसी सदस्य अथवा क्वेरेंटाइन किये गए प्रवासी में कोविड-19 के लक्षण प्रारंभ होते ही इसको सूचना आशा कार्यकर्ता को दी जाएगी,जिससे वह आगे की कार्यवाही कर सके,क्वेरेंटाइन किये गए घरों में,आशा कार्यकर्ता 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग,गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसे रोगों से ग्रस्त लोगों को क्वेरेंटाइन किया गए व्यक्तियों से अलग रहने की सलाह देंगी,आशा कार्यकर्ता घर के बाहर उचित स्थान पर क्वेरेंटाइन संबंधी पोस्टर (फ्लायर) लगाएंगी जिससे उस घर के क्वेरेंटाइन के अंतर्गत होने का संकेत मिल सके, उनके द्वारा परिवार के सदस्यों का भी उल्लेख किया जाएगा,साथ ही न मिटने वाली स्याही से क्वेरेंटाइन के शुरू होने व खत्म होने की तारीख अंकित की जाएगी,21 दिनों की क्वेरेंटाइन का समय पूरा होने पर आशा कार्यकर्ता वस्तु स्थिति की सूचना बीसीपीएम को देंगी एवं घर पर लगे फ्लायर को हटाएंगी।                                             

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