फिक्र है, प्यार है, अपनापन है,तो चलो “दूरियां” बनाते है

फिक्र है, प्यार है, अपनापन है,तो चलो “दूरियां” बनाते है

फिक्र है, प्यार है, अपनापन है,तो चलो “दूरियां” बनाते है ना तुम आओ घर से बाहर,ना हम आते है नए दौर की जरूरत है चलो इतिहास बनाते हैफतेहपुर, शहर हो या कस्बा या फ़िर देहात हर जगह लाक डाउन का पालन दिखाई दे रहा है । इस काम को सफलता का अमलीजामा पहनाने में जिस अधिकारी

फिक्र है, प्यार है, अपनापन है,तो चलो “दूरियां” बनाते है


ना तुम आओ घर से बाहर,ना हम आते है 
नए दौर की जरूरत है चलो इतिहास बनाते है
फतेहपुर, शहर हो या कस्बा या फ़िर  देहात हर जगह लाक डाउन का पालन  दिखाई दे रहा है । इस काम को सफलता का अमलीजामा पहनाने में जिस अधिकारी ने अपना करिश्माई काम किया उसमें धर्म जाति  का कोई भेदभाव नजर नहीं आया ।और लोग सारे नियमों का पालन करने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह करिश्माई अधिकारी और कोई नहीं बल्कि जिला अधिकारी संजीव सिंह है।उनके इस काम में पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा भी कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर चलने में पीछे नहीं हैं ।इसका परिणाम भी देखने को मिला और पूरा जनपद कोरोना को हराने में कामयाब रहा है और एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला ।वही पड़ोसी जनपद कानपुर हो या फिर कौशांबी यहां कोरोना के मरीज मिले हैं । बांदा जनपद को भी इस महामारी ने नहीं बख्शा।  जनता का सहयोग भी है जो जिला प्रशासन के नियमों का पालन करने में पीछे नहीं हैं ।lockdown का पालन कराने के साथ जिला अधिकारी ने आम लोगों के लिए मूलभूत आवश्यकताओं को घरों तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी । शहरों व कस्बों में जरूरत के अनुसार  जरूरी सामानों उपलब्धता नजर आई अब तो जिला अधिकारी ने जो कदम उठाया है उसमें सामूहिक भोजनालय में सुबह शाम खाना मिलने की सुविधा है । साथ ही एक फोन भी भूखे लोगो का भोजनालय पेट भरेगा ।यह सब इसलिए किया जा रहा है कि लोग कोरोना जैसी महामारी से बच सकें ।और अपने घरों में रहे। इस कामयाबी व व्यवस्था पर सवाल तो बनता है कि हम सब मिलकर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के लिए ताली बजाएं ।

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