कोरोना का रोना छोड़ जीवन बचाने की सोचें—सरस सिंह राजपूत /

कोरोना का रोना छोड़ जीवन बचाने की सोचें—सरस सिंह राजपूत /

कोरोना का रोना छोड़ जीवन बचाने की सोचें—सरस सिंह राजपूत / मनोज बर्मा (रिपोर्टर ) आज की हालत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सरस सिंह ने कहा कि यह वक्त जिंदगी बचाने और जीवन दान देने का है ।हमें अपनी जिंदगी के साथ- साथ अपनों को भी बचाना है । इसलिए कोरोना की महामारी

कोरोना का रोना छोड़ जीवन बचाने की सोचें—सरस सिंह राजपूत /

मनोज बर्मा (रिपोर्टर )

आज की हालत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सरस सिंह ने कहा कि यह वक्त जिंदगी बचाने और जीवन दान देने का है ।हमें अपनी जिंदगी के साथ- साथ अपनों को भी बचाना है । इसलिए कोरोना की महामारी से दहशत में आकर रोना-धोना छोड़कर जिंदगी बचाने का काम करना है ।,अगर जान रहेगी तो जहान रहेगा। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें भगवान ने वह शक्ति दी है कि हम अपने साथ-साथ दूसरों की भी रक्षा कर सकते हैं ।दूसरों को जीवनदान दे सकते हैं ,दूसरों का भी पेट भरने की क्षमता रखते हैं, तो ऐसे में इंसान को इंसान के काम आने की जरूरत है। हर व्यापार में उतार-चढ़ाव लगा रहता है कभी बादल कभी धूप कभी छांव कभी बरसात, ऐसे में केवल बैठकर रोना-धोना करते रहना एक सफल व्यापारी का लक्षण नहीं है। बदलते वक्त के साथ इंसान को अपने आप को डालना पड़ता है।भगवान तो ऊपर बैठा देख रहा है कि कौन क्या कर रहा है वो हम सभी की परीक्षा ले रहा है कि कौन कितना इंसानियत को मान रहा है, कौन कितना पुण्य कार्य कर रहा है और कौन इस आपदा की घड़ी में सिर्फ अपने मुनाफे की सोच रहा है। मेरा धूर्त व्यापारियों से यही कहना है कि कुकर्म को छोड़कर सकर्म की तरफ ध्यान दें और धरती पर रहकर वह कर्म करें जिसका फल स्वर्ग में जाकर ऐसा मिले कि आत्मा परमात्मा का दर्शन करे।

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