विजयीपुर व धाता ब्लाक क्षेत्र में एक बड़े खाद्यान्न घोटाले की पटकथा

विजयीपुर व धाता ब्लाक क्षेत्र में एक बड़े  खाद्यान्न घोटाले की पटकथा

विजयीपुर व धाता ब्लाक क्षेत्र में एक बड़े खाद्यान्न घोटाले की पटकथा लिख रहे पूर्ति निरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी खाद्य एवं रसद मंत्री के गृह तहसील क्षेत्र में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण में बड़े खेल की तैयारी फ़तेहपुर, आगामी 15 अप्रैल से जनपद में निःशुल्क वितरित होने वाले खाद्यान्न के विस्तृत घोटाले की पटकथा लिखना

विजयीपुर व धाता ब्लाक क्षेत्र में एक बड़े  खाद्यान्न घोटाले की पटकथा लिख रहे पूर्ति निरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी

खाद्य एवं रसद मंत्री के गृह तहसील क्षेत्र में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण में बड़े खेल की तैयारी


     फ़तेहपुर, आगामी 15 अप्रैल से जनपद में निःशुल्क वितरित होने वाले खाद्यान्न के विस्तृत घोटाले की पटकथा लिखना अभी से पूर्ति विभाग ने प्रारम्भ कर दी है। बड़ी बात यह है कि यह घोटाला कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश के खाद्य एवं रसद मन्त्री रणवेंद्र प्रताप सिंह के गृह जनपद में गृह तहसील क्षेत्र के कम से कम दो ब्लाकों में अमल पर लाया जा रहा हैं…!
      ग़ौरतलब है कि मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ ने लाँकडाउन के चलते ग़रीब कार्डधारकों को 15 अप्रैल से निर्धारित मात्रा में गेहूँ व चावल का निःशुल्क वितरण कराने की घोषणा की है।  क्योंकि सम्बंधित गोदामों में गेहूँ का पर्याप्त स्टाक न होने के कारण निर्धारित तिथि से गेहूँ का वितरण नहीं हो पायेगा सिर्फ़ चावल ही वितरित किया जायेगा। प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि पूर्ति विभाग के तन्त्र की नकेल कसते हुए उसे सलीक़े से सक्रिय करके कोटेदारो के माध्यम से फ़िलहाल चावल का वितरण पूरी ईमानदारी से सुनिश्चित करे। बाद में जब गेहूँ का भंडारण उपलब्ध होगा तो उसका वितरण बाद में कराया जायेगा।
     शासन की मंशा के विपरीत  पूर्ति विभाग के खिलाड़ियों ने इसमें बड़े खेल की तैयारी पहले से ही कर ली है, जिसके तहत निःशुल्क वितरित होने वाले चावल की बोरिया पाँच से आठ किलो तक की कटौती करके कोटेदारो को उपलब्ध करवाई जा रही हैं। फ़िलहाल यह खेल बड़े पैमाने पर खाग़ा तहसील के विजयीपुर एवं धाता ब्लाक में शुरू हुआ है।
     ख़बर है कि विजयीपुर ब्लाक के पूर्ति निरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी जिनके पास फ़िलहाल धाता ब्लाक का भी अतिरिक्त चार्ज है। उन्होंने 15 अप्रैल से निःशुल्क वितरित होने वाले चावल की बोरियों में पाँच से आठ किलो तक प्रति बोरी कटौती करके कोटेदारो को उपलब्ध कराया है।
      कई कोटेदारो ने बताया कि विजयीपुर ब्लाक का खाद्यान्न गोदाम किशनपुर में है जबकि धाता ब्लाक का खाद्यान्न गोदाम गिलहरा गाँव के निकट स्थित एक मिल में है। जगहो पर पूर्ति निरीक्षक की मिलीभगत से चावल की बोरियों में प्रति बोरी पाँच से आठ किलो तक घटतौली की गई है और कोटेदारो पर दबाव बनाकर उठान करवाई जा रही है। कोटेदारो की माने तो सरकारी मानक के तहत 51 किलो खाद्यान्न प्रत्येक बोरी में होना चाहिये किन्तु कभी भी बोरियों में पूरा खाद्यान्न नहीं होता। सामान्य उठान के समय दो, ढाई व तीन किलो तक प्रत्येक बोरी में घटतौली किसी तरह कवर हो जाती थी किंतु निःशुल्क खाद्यान्न वितरण में तो प्रति बोरी पाँच से आठ किलो तक घटतौली की गई है, जिसे कवर कर पाना काफ़ी मुश्किल होगा।
    कोटेदार यह भी कहते है कि यह सब खेल ज़िला पूर्ति कार्यालय की मिलीभगत से होता है, इसलिये शिकायत का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और उलटे उत्पीड़न शुरू हो जाता है। यह पूछने पर कि इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से क्यों नहीं करते, कोटेदार कहते है कि कोई फ़ायदा नहीं है। पूर्व में सब करके देख लिया है, इन पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है।
     बताते चले कि पूर्ति निरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी का एक तरह से यह ग्रह क्षेत्र भी है। धाता ब्लाक से जुड़े कौशम्बी जनपद के एक गाँव के यह रहने वाले है और धाता क्षेत्र में इनकी कई रिश्तेदारी भी है। बताते है कि धाता ब्लाक की ग्राम सभा गढ़ा में इनकी बहन की ससुराल है। वही से पूरे खेल का संचालन होता है…!
    ज्ञातव्य रहे कि विजयीपुर व धाता ब्लाक फ़तेहपुर जनपद की खाग़ा तहसील में आते है और यह तहसील प्रदेश के खाद्य एवं रसद मन्त्री रणवेंद्र प्रताप सिंह का की गृह तहसील भी है और बग़ल की हुसैनगंज सीट से रणवेंद्र विधायक हैं। कुल मिलाकर चिराग़ तले ही अंधेरा है…!
       इस मामले को विभागीय ज़िम्मेदार हँसकर उड़ा देते है, जैसे उनके लिये यह सब आम हो। वही सूत्र बताते है कि प्रशासनिक ज़िम्मेदार अगर 15 अप्रैल के पूर्व कोटेदारो के यहाँ छापा मारे तो एक बड़े खाद्यान्न घोटाले का ख़ुलासा हो सकता है…! अब सवाल यह उठता है कि क्या यह घोटाला पकड़ा जायेगा या सिस्टम के जिम्मेदार होने देंगे …! यानी सीएम योगी की घोषणा की सफलता का काफ़ी कुछ दारोमदार इस घटतौली पूर्ण घोटाले पर कार्यवाही में टिका हाई, क्योंकि जिले के कई और ब्लाकों में भी ऐसा ही सिस्टम सेट होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है…! 

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