लॉक डाउन में बच्चों संग बूढ़े भी कर रहे पतंगबाजी

लॉक डाउन में बच्चों संग बूढ़े भी कर रहे पतंगबाजी

संवाददाता -सुनील मिश्रा कर्नलगंज,गोण्डा-देशभर में किये गए लॉकडाउन के बाद घरों में बैठे-बैठे बोर हो रहे लोगो ने वक़्त गुजारने के लिए अपने अपने हिसाब से तरीका ढूंढ लिया है।इन्ही तरीको में से एक तरीका है पतंगबाजी का। जी हाँ,बीते मंगलवार को देश भर में लॉक डाउन की घोषणा के बाद से लोग अपने-अपने घरों

संवाददाता -सुनील मिश्रा

कर्नलगंज,गोण्डा-
देशभर में किये गए लॉकडाउन के बाद घरों में बैठे-बैठे बोर हो रहे लोगो ने वक़्त गुजारने के लिए अपने अपने हिसाब से तरीका ढूंढ लिया है।इन्ही तरीको में से एक तरीका है पतंगबाजी का।

जी हाँ,बीते मंगलवार को देश भर में लॉक डाउन की घोषणा के बाद से लोग अपने-अपने घरों में क़ैद से होकर रह गए है।दिन भर बाज़ारो का चक्कर काटने वालो के लिए मानो पैर में बेड़ियाँ डाल दी गयी हो।अगर कोशिश भी करते हैं बाहर निकलने की तो पुलिस की लाठी पटकते ही वापस घर में घुसना पड़ता है।

कोई उपाय न देखते हुए इस तरह अपनी बोरियत को दूर करने के लिए लोगों ने अपने सहूलियत के हिसाब से तरीका खोज निकाला है।उन्ही तरीको में से एक है पतंग उड़ाने का।नगर में सूरज ढलते ही आसमान में रंगबिरंगी दर्जनों पतंगे उड़ती हुई दिखाई देने लगती है।सभी अपने अपने छतों से शोर मचाते और एक दूसरे से पेंच लड़ाते हुए जमकर आनंद ले रहे हैं।बच्चे तो बच्चे है उनके साथ बड़े भी अपना बचपन दोहराते हुए बराबर की पतंगबाजी कर रहे हैं।

मोहल्ला सकरौरा के एक 55 वर्षीय व्यक्ति जो अपनी बीमारी के कारण कई वर्षों से उठ नही पा रहे हैं वो भी अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही पेंच लड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं।एक दुकानदार ने बताया कि पिछले 3 दिनों में सैकड़ो पतंग और मांझे बिक चुके हैं और इतनी ही संख्या में लूडो-कैरम भी।घरो में रहकर ही लोग किसी तरह इक्कीस दिन गुजरने का बेसब्री से इंतिज़ार कर रहे हैं।

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