चिन्हित परिवार घर से निकला तो दर्ज होगी एफआईआर, 137 पर पैनी नजर

चिन्हित परिवार घर से निकला तो दर्ज होगी एफआईआर, 137 पर पैनी नजर

-पुलिस, ग्राम प्रधान, सभासद, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री करेंगी होम कोरन्टाइन व आइसोलेटेड होने की निगरानी। -विदेश से लौटे 137 लोगों में नहीं मिले है कोरोना के लक्षण फिर भी होगी निगरानी बलरामपुर 24 मार्च। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरत रहे जिला प्रशासन ने अब कड़े निर्देश जारी किये है।

-पुलिस, ग्राम प्रधान, सभासद, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री करेंगी होम कोरन्टाइन व आइसोलेटेड होने की निगरानी।

-विदेश से लौटे 137 लोगों में नहीं मिले है कोरोना के लक्षण फिर भी होगी निगरानी

बलरामपुर 24 मार्च। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरत रहे जिला प्रशासन ने अब कड़े निर्देश जारी किये है। जिस तरह कोरोना देश में फैल रहा उसे देखते हुए तीसरा सप्ताह काफी अहम माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने विदेश से आये लोगों के सख्त निर्देश जारी किये है। स्वास्थ्य विभाग की लोगों से अपील है कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दे

और स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पालन करें।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि नोवल कोरोना वायरस 2019 को फैलने से रोकने के लिए अब विदेश व अन्य राज्यों से आये लोगों को चिन्हित कर घर में ही (होम कोरन्टाइन में आइसोलेटेड) रहने के निर्देश दिये गये हैं। यदि कोई व्यक्ति इन निर्देशों को नहीं मानता है तो कोरोना वायरस के संक्रमण से जन सामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होने बताया कि विदेश से आये 137 व अन्य राज्यों से आये करीब 3500 लोग जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है, उन्हे  व उनके परिवारों को चिन्हित कर संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक व आशा द्वारा वायरस से बचाव के सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी दी जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार के व्यक्तियों की निगरानी के लिए ग्राम प्रधान, आशा व चैकीदार और नगर क्षेत्र में सभासद व आशा रोजाना घूम घूमकर उसके आस पास के लोगों से जानकारी इकट्ठा करेंगी कि वे अपने घर में आइसोलेटेड हैं कि नहीं। यदि चिन्हित व्यक्ति द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं कि जा रहा है तो वे इसकी सूचना सीएमओ कार्यालय के 24 घंटे कंट्रोल रूम नम्बर 7880831068, 7081224641 व 112 पर तत्काल उपलब्ध कराएंगें। सीएमओ कार्यालय के इस कंट्रोल रूम में पुलिस वायरलेस सेट की स्थापना भी की गई है जिससे किसी भी स्थिति में सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके।

कोरोना वायरस के नोडल व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.के. सिंघल ने बताया कि सभी सीएचसी पर सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक सर्दी, खांसी, बुखार के जांच की व्यवस्था होगी। अफवाहों पर ध्यान ना दें यदि कोई व्यक्ति संक्रमित होगा तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से दी जाएगी। लोगों से एक मीटर की दूरी बनाकर रहें। बचाव के लिए लोग कपड़े का मास्क प्रयोग कर सकते है जिसको धुलने के बाद धूप में सुखाय जा सकता। बार बार साबुन से हाथ धोने की आदत डालें जिससे संक्रमित होने से बचा जा सके। उन्होने बताया कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति मुम्बई से लौटा है, खांसी व बुखार होने पर उसका ब्लड जांच के लिए भेजा गया है।

रिपोर्ट आने पर पुष्टि होगी कि उसे बीमारी है कि नहीं। इस दौरान एसीएमओ बी.पी. सिंह, डीएचआईओ अरविंद मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।अफवाह पर ना दें ध्यान, ना फैलाएं-बाहर से आये लोगों की स्वास्थ्य विभाग माॅनिटरिंग कर रहा है यदि किसी में सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण है तो ये जरूरी नहीं कि उसे कोरोना वायरस है। ऐसे व्यक्तियों से एक मीटर की दूरी बनाकर रखें और उन्हे 14 दिन से एक माह तक घर में ही रहने के लिए कहें। यदि व्यक्ति नहीं मान रहा है तो 112 पर काॅल करके पुलिस को सूचना दें।

जरूरत पड़ी तो ऐसे संदिग्धों की गिरफ्तारी भी की जाएगी।स्कूल, सीएचसी, संयुक्त व मेमोरियल बने आइसोलेशन, कोरंटाइन सेंटर-प्राथमिक तौर संदिग्धों कोरंटाइन करने के लिए हर न्याय पंचायत के 101 स्कूलों को डीएम के आदेश पर रिजर्व किया गया है शुरूआत में वहां पर 4 बेड के कोरंटाइन बनाए जाएंगें। ये उनके लिए इस्तेमाल होंगें जिनके घर में कम कमरे है व जगह नहीं है। इसके अलावा सभी सीएचसी के अधिकतर बेडों को पहले कोरंटाइन व बाद में आइसोलेशन के लिए रिजर्व किया गया है लेकिन इस सेवा से आर्थोपोडिक व महिलाओं की डिलेवरी प्रभावित नहीं होगी। संयुक्त जिला चिकित्सालय को भी आइसोलेशन व कोरंटाइन के लिए तैयार किया गया है।

मेमोरियल चिकित्सालय में 2 वार्डो के 30 बेड को कोरंटाइन व 1 वार्ड के 10 बेड को आइसोलेशन के लिए तैयार किया गया है। गम्भीर स्थिति में वेंटिलेटर की जरूरत पर मरीजों को उच्चीकृत सेंटर पर रेफर किया जाएगा। प्राइवेट अस्पतालों को भी अधिगृहित करने की कवायद की जा रही है।-आखिर क्यों है तीसरा चरण खतरनाकपहले चरण में कोरोना वायरस से संक्रमित लोग विदेशों से यात्रा करके भारत में आये। दूसरे चरण में देश के लोगों में विदेश से आये लोगों के जरिए संक्रमण फैल रहा है। तीसरे चरण में ये वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता है और एक दूसरे से आस पास के लोगों में फैलने लगता है। यदि इसको इस स्टेज में नहीं रोका गया तो चैथे चरण में इसे रोक पाना बेहद मुशकिल होगा।

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