बी.जे.पी विद्यायक के खिलाफ किसानो ने खोला मोर्चा मुरदाबाद के लगाये नारे
योगी सरकार में किसानो का हो रहा है शोषण बी.जे.पी विद्यायक के खिलाफ हुये लामबंद किसानो ने मोर्चा खोल दिया जिससे शासन-प्रशासन के हाथ पाव फूल गये बाडखण्ड द्वारा उचीत मुआवजा न देने पर किसानो में फूटा गुस्सा बस्ती: जनपद के कुदरहा ब्लाक के दर्जनों गांव के किसानों ने बाढ़ खण्ड से मुआवजा न मिलने
योगी सरकार में किसानो का हो रहा है शोषण बी.जे.पी विद्यायक के खिलाफ हुये लामबंद किसानो ने मोर्चा खोल दिया जिससे शासन-प्रशासन के हाथ पाव फूल गये बाडखण्ड द्वारा उचीत मुआवजा न देने पर किसानो में फूटा गुस्सा
बस्ती: जनपद के कुदरहा ब्लाक के दर्जनों गांव के किसानों ने बाढ़ खण्ड से मुआवजा न मिलने से स्थानीय ठश्रच् विधायक रवि सोनकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। किसानों का कहना है कि अगर सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा जिला प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया तो हम ग्रामीण सडक पर उतारेंगे। जानकारी के अनुसार मामला कुदरहा ब्लाक के हरथौलिया उर्फ मटियरिया बाबू, टेंगरिया बाबू, देगारिया राजा, परेवा, पिपरपाती, कुदरहा व कई अन्य गांव का है, जिसमें किसानों के खेत सरयू नदी में समा गए हैं और नदी के समीप पानी के बहाव को रोकने के लिए बाढ़खण्ड विभाग से ठोकर निर्माण कराया जा रहा है, जिससे किसानों को खेती करने के लिए जमीन नहीं बच रहा है। किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष सरकार ने हम सब किसानों के जमीन का सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा दिया था और अब हम किसानों के हक पर सरकारी अधिकारी रोक लगा रहे है।
किसानों का कहना है कि हमारे जमीनों का सर्किल रेट से 1 गुना मुआवजा देने की विभाग बात कर रहा है, जो हम किसानों को मंजूर नहीं है। किसान अपने हक का 4 गुना मुआवजा लेने के लिए धरना प्रदर्शन व रोड पर उतर कर लेकर रहेंगे। ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर फूट रहा है कि किसानों ने अपने क्षेत्रीय विधायक के उपर जमकर नारा लगाकर गुस्सा उतारा, ग्रामीणों ने मीडिया से अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर हम किसानों को मुआवजा न मिला तो कलवारी- धनघटा रोड पर प्रदर्शन करके चक्का जाम कर देंगे।
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि हमारी समस्या बाढ खण्ड के अधिकारी के साथ साथ उच्चाधिकारी भी नहीं सुन रहे हैं। इतना ही नहीं, क्षेत्रीय विधायक रवि सोनकर भी हम सभी किसानों का सुध लेने अभी तक नहीं आए हैं। सबसे बडी बात यह है कि दर्जनों गांव वालों का कहना है कि विधायक जी चुनाव जीतने के बाद अभी तक हम किसानों के गांव में नहीं दिखे हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर समय से जिला प्रशासन ने इन किसानों की समस्या का हल नहीं निकाला तो हजारों की संख्या में किसानों का आन्दोलन बड़ा रूप ले सकता है। इस मामले में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन से बात की गयी
तो उनके द्वारा बताया कि यह बात मेरे संज्ञान में आया है। इसके लिए हमने बाढ़ खण्ड के अधिकारी से दूरभाष से बात किया हूं और उनसे मैंने इस सम्बध में पूरी जानकारी मांगा है कि कितने किसान बैनामा कर चुके हैै और कितने किसान बैनामा नहीं कर रहे हैै, उनकी मांग सर्किल रेट से 4 गुना है। इसमें हम सब लोगों को यह भी देखना है कि किसानों की जमीन भी खरीद ली जाये और सरकार की परियोजनाएं भी पूर्ण हो जाए। अगर प्रशासन किसानों की जमीन खरीदने में पूरा पैसा लगा देते है तो परियोजनाएं पूर्ण नहीं हो पाएगी और हम इस मामले में किसानों से बात करके कुछ न कुछ हल निकालेंगे।
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