नीति और नियति को बदलने के लिए यज्ञ होता है जो पूरे विश्व के कल्याण के लिए होता है-राम बालकदास महराज

नीति और नियति को बदलने के लिए यज्ञ होता है जो पूरे विश्व के कल्याण के लिए होता है-राम बालकदास महराज

भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे मतेथू के पास मकनपुर रोही में आयोजित श्री अतिरुद्र महायज्ञ में संगीतनमे श्री रामकथा में अयोध्या से पधारे राम बालकदास महराज ने भक्ति और मोक्ष के बारे में बताते हुए कहा कि जीव का परम लक्ष्य मोक्ष ही लेकिन जीव विषय मे लिप्त रहने से भक्ति से दूर

 भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे मतेथू के पास मकनपुर रोही में आयोजित श्री अतिरुद्र महायज्ञ में संगीतनमे श्री रामकथा में अयोध्या से पधारे राम बालकदास महराज ने भक्ति और मोक्ष के बारे में बताते हुए कहा कि जीव का परम लक्ष्य मोक्ष ही लेकिन जीव विषय मे लिप्त रहने से भक्ति से दूर रहता है। कहा कि एक क्षण भी बिना विषय के जीव नही राह सकता है। भगवान की कृपा से जीव माया मोह के बन्धन से मुक्त हो सकता है। कहा कि लोग विविध कार्यों के लिए विविध देवी देवता की पूजा आराधना करते है।

मोह रूपी रस्सी के बंधन से मुक्ति तभी हो सकती है जब भागवत कृपा होगी तभी यह संभव है। लोग मोह की वजह से माया के चकजर में होने से मुक्त नही होते जबकि राजा परीक्षित ने जेवल एक बार कथा सुनने से मुक्ति मिल गई। मोह में फसे होने से उद्धार संभव नही है। नीति और नियति बदलने के यज्ञ होता है जो पूरे विश्व के कल्याण के लिए होता है। जो पूरे विश्व के वायुमंडल को शुद्ध करते है। अतः वायुमंडल के शुद्धिकरण के लिए यज्ञ जरूरी है।इस मौके पर माता चरण मिश्र, सुभाष तिवारी, शशिकांत श्रीवास्तव, राजमणि गिरी, राधेश्याम, विवेक मिश्रा, पन्नालाल तिवारी, सुनील गिरी, बटेराम समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel