माहवारी स्वच्छता प्रबन्ध पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

माहवारी स्वच्छता प्रबन्ध पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

बेटियों को दें भरपूर प्यार, मान-सम्मान व अधिकार-जिलाधिकारी संवाददाता – सुनील मिश्रा गोण्डा- चुप्पी तोड़ो-स्वस्थ रहो की थीम पर सोमवार को जिला पंचायत सभागार में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत यूनीसेफ के संयुुक्त तत्वाधान में माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन पर आधारित तीन दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल तथा सीडीओ

बेटियों को दें भरपूर प्यार, मान-सम्मान व अधिकार-जिलाधिकारी

संवाददाता – सुनील मिश्रा

गोण्डा-
चुप्पी तोड़ो-स्वस्थ रहो की थीम पर सोमवार को जिला पंचायत सभागार में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत यूनीसेफ के संयुुक्त तत्वाधान में माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन पर आधारित तीन दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल तथा सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का औपचारिक शुभारम्भ किया।
          कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी डा0 बंसल ने कहा कि सरल प्रबंधन उपायों के माध्यम से किशोरियों एवं महिलाओं के जीवन में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। इसे सिर्फ स्वच्छता प्रबंधन के रूप में न देख कर समग्र रुप से मानव अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार बेटियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।

उन्होंने कहा कि माहवारी को समस्या या बीमारी की भावना से नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह एक प्राकृतिक व्यवस्था है। बिल्क माताओं, बहनों, बेटियों को जागरूक करते हुएए उनके अन्दर से माहवारी को लेकर हो रही शर्म या झिझक को खत्म करन तथा उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए।

जिलाधिकारी ने कार्यशाला में सहयोग प्रदान कर रही संस्था सार्थक के प्रतिनिधियों, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा मुख्य चिकित्साधिकारी से अपेक्षा की कि वे इस अति महत्वपूर्ण विषय को घर-घर, स्कूलों आदि विभिन्न माध्यमों से पहुंचानें का काम करें जिससे समाज में माहवारी को लेकर व्याप्त भ्रान्तियों को दूर किया जा सके तथा बच्चियों को संक्रामक रोगों से भी बचाया जा सके।
सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने कहा कि समाज में महिलाओं के माहवारी होने पर छुआछूत माना जाता है।

जागरूकता फैलाकर माहवारी के दौरान होने वाली संक्रामक बीमारियों से महिलाओं को बचाया जा सकता है। माहवारी की बात होते ही लड़कियों और महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव की तस्वीर उभरने लगती है। इसलिए आवश्यकता है कि इस नेचुरल व्यवस्था को परेशानी की संज्ञा न देते हुए महिलाओं को इसके प्रति जागरूक किया जाय। उन्होंने अपील की इस कार्यशाला के माध्यम से गांव-गांव माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन के बारे में लोेगों को बताया जाय।

सीएमओ डा0 मधु गैरोला ने कार्यशाला में प्र्रतिभाग करने वाले मास्टर ट्रेनरों से अपील किया कि वे इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें जिससे बच्चियां भी सम्मान की जिन्दगी जीने के साथ ही रोगों से बचें। उन्होंने कहा कि जब हमारी बहन-बेटियां स्वच्छ व स्वस्थ होगीं तभी वे अच्छे परिवार व समाज के निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर सकेगीं। कार्यशलाा का संचालन डीपीआरओ घनश्याम सागर ने किया।
                     

इस दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक अनूप श्रीवास्तव, यूनीसेफ की सचिव डा0 मधुश्री पाण्डेय, स्टेट क्वार्डिनेटर सुरेन्द्र जोशी, स्टेट कन्सलटेन्ट पायल सक्सेना, डीपीसी स्वच्छ भारत मिशन अभय प्रताप सिंह रमन, समस्त खण्ड विकास अधिकारीगण, बृजेश श्रीवास्तव, सुनील सिंह तथा पुष्पा सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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