तार बारी में दौड़े करेंट से गाय की मौत ग्रामीणों मे आक्रोश

तार बारी में दौड़े करेंट से गाय की मौत ग्रामीणों मे आक्रोश

तार बारी में दौड़े करेंट से गाय की मौत ग्रामीणों मे आक्रोश किसान अन्ना जानवरों से बचाव के लिए तार बारी में दौड़ा रहा था करेंट कबरई(महोबा)- अभी हाल ही में कल प्रदेश सरकार ने गौवध निवारण कानून को सख्त बनाते हुए गौवध निवारण कानून 1955 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसके

तार बारी में दौड़े करेंट से गाय की मौत ग्रामीणों मे आक्रोश

किसान अन्ना जानवरों से बचाव के लिए तार बारी में दौड़ा रहा था करेंट

कबरई(महोबा)-

अभी हाल ही में कल प्रदेश सरकार ने गौवध निवारण कानून को सख्त बनाते हुए गौवध निवारण कानून 1955 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसके तहत अब गौवध करने वाले आरोपी को 10 साल की सजा व 5 लाख का आर्थिक जुर्माना हो सकता है।
गौवध कानून में संशोधन के अगले दिन ही महोबा जनपद के कबरई थाना क्षेत्र के सिचौरा गांव में बड़ी घटना सामने आई।जानकारी के मुताबिक ग्राम प्रधान व ग्रामीण ने आरोप लगाया है कि सिचौरा गांव में किसान सभा सिंह पुत्र दर्शन सिंह ने अपने खेत मे फसल को बचाने के उद्देश्य से तार बारी में करेंट जोड़े था जिसकी वजह से आज दोपहर को अचानक एक गाय करेंट की चपेट में आ गयी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।गाय के मौत की सूचना मिलते ही किसान के खेत मे ग्रामीण पहुंच गए और जमकर हंगामा किया जिसके बाद सूचना मिलते ही कबरई पुलिस मौके पर पहुँच कर गाय का पोस्टमार्टम करवाते हुए दफना दिया गया है।


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सरकार द्वारा किसानों की फसलो को बचाने के उद्देश्य से गौ आश्रय स्थल के लिए अरबों रुपये पानी की तरह बहा दिया गया लेकिन आज भी बुंदेलखंड का किसान अपनी फसलो को अन्ना जानवरों से बचाने के लिए रात रात भर जगते रहते हैं तो कहीं किसान अपनी तार बारी में करेंट जोड़ देते हैं जिससे इस लापरवाही के कारण जानवरों के साथ साथ इंसानों की भी कई जाने जा चुकी है।यह सब भ्रस्ट तंत्र का ही एक जीता जागता उदाहरण है जो आज एक बेजुबान गाय ने अपनी जान गंवा दी।हालांकि सबसे बड़ा आरोप किसान पर है जिसने यह काम किया क्योंकि इस तरह से तार बारी में करेंट दौड़ाना बेहद गम्भीर विषय है क्योंकि इससे कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था।

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