पूराकलां थाना क्षेत्र मेंं जंगलराज कायम,अफसरान मौन

पूराकलां थाना क्षेत्र मेंं जंगलराज कायम,अफसरान मौन

जंगल से लकड़ी ला रहे दलित को पुलिस ने पीटा गंभीर हालत मेंं पीडि़त को झांसी रिफर पुलिस की बर्बरता के खिलाफ उतरी आम जनता पर हुआ मुकदमा दर्ज थाना इंजार्च को बचाने के चक्कर में दारोगा को बनाया बली का बकरा तालबेहट। इन दिनोंं पूराकलां थाना क्षेत्र में जंगलराज कायम है, यहां पर भारतीय


जंगल से लकड़ी ला रहे दलित को पुलिस ने पीटा


गंभीर हालत मेंं पीडि़त को झांसी रिफर


पुलिस की बर्बरता के खिलाफ उतरी आम जनता पर हुआ मुकदमा दर्ज


थाना इंजार्च को बचाने के चक्कर में दारोगा को बनाया बली का बकरा


तालबेहट। इन दिनोंं पूराकलां थाना क्षेत्र में जंगलराज कायम है, यहां पर भारतीय कानून लागू न होकर प्रभारी निरीक्षक अपना कानून चला रहे है। जिसके चलते वहां की पुलिस ने जलाऊ लकड़ी ले जा रहे दलित को बूरी तरह पीटा, जब इसका विरोध ग्रामीणोंं ने दर्ज कराया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया । जब आलाधिकारियों को इस मामले की सूचना मिली तो उन्होंने इंजार्च के खिलाफ कार्यवाही न करते हुये एक दारोगा को मोहरा बनाकर उसे निलंबित कर दिया।


अपराधियों की सरपस्ती के कई गंभीर आरोपों के बाद भी पूराकलां पुलिस पर अफसरों का बदहस्त है। जिसके चलते आए दिन पूराकलां पुलिस निर्दोर्षो के साथ जुल्म करती है और पीडि़तों पर ही पुलिसिया कार्यवाही कर उसे आरोपी बना देती है। ऐसे ही एक मामले में फिर पूराकलां पुलिस ने फिर बर्दी की हनन में एक दलित ग्रामीण की जमकर पिटाई कर दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने रास्ता अवरूद्व कर जमकर बबाल काटा। जिसके बाद कई थानों की पुलिस व जिलाधिकारी, एसपी के पहुंचने के बाद बबाल थमा। इस मामले में पुलिस ने एक पिटाई के आरोपित दरोगा को निलबिंत कर दिया।


ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार बुधबार की शाम पूराकलां थाना क्षेत्र के ग्राम एवनी निवासी बुजुर्ग दयाली अहिरवार अपनी ट्रेक्टर ट्राली से जंगल से जलाऊ लकडी ले कर आ रहे थे। जिस पर रास्ते में पूराकलां पुलिस ने ट्रेक्टर ट्राली रोक कर पूछताछ को उसे थाने ले गई। जहां ट्रेक्टर मालिक दयाली से एक पूराकलां पुलिस के सहयोगी एक शातिर अपराधी ने रूपयों की मांग को लेकर उसके साथ बर्बरता के साथ मारपीट शुरू कर दी। पुलिस कर्मियों व अपराधी युवक की मारपीट से दयाली की हालत बिगड गई। जिसे पूराकलां पुलिस अस्पताल ला रही थी।

उसी दौरान मारपीट से गुस्साए सेकडौ लोगों ने पुलिस वाहन घेर लिया और पुलिस कर्मियों की मारपीट कर घायल को अस्पताल ले कर आ गए। जहां डाक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए उसे झांसी मेडीकल रेफर कर दिया। इसके बाद सेकडौ ग्रामीण पुलिस की बर्बर कार्रवाही के खिलाफ सडक पर बैठ कर देर रात्रि में हंगामा करने लगे। जिस पर सीओ देवेन्द्र सिंह, पूराकलां एसो अवधेश चौहान पुलिस बल लेकर मौके पर गए जहां ग्रामीणों ने पथराव कर वाहनों में तोडफोड कर दी। ग्रामीणों के बढते बबाल के बाद सर्किल के समस्त थानों की पुलिस मौके पर पहुंची व ग्रामीणों को शांत कराया। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल, पुलिस कप्तान कै0 मिर्जा मंजर बेग मध्य रात्रि को पूराकलां थाने पहुंचे। जहां उन्होनेें पूरे मामले की जानकारी लेकर मारपीट के आरोपित दरोगा को निलंबित कर दिया। घटना के बाद आसपास के क्षेत्रों में तनाव पसर गया। शांति व्यवस्था के उदेश्य से गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।


एक सैकडा से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा


पुलिस की पिटाई के विरोध में वबाल काट रहे ग्रामीणों के खिलाफ पूराकलां थानाध्यक्ष अवधेश चौहान की तहरीर पर एक सैकडा से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। प्रभारी निरीक्षक को दी तहरीर में बताया गया कि पूराकलां थाने के एसआई सुनील त्रिपाठी, सिपाही अनिल धाकड व चालक राजेन्द्र के साथ गश्त पर थे। उसी दौरान वन रक्षक बृजेन्द्र शर्मा ने सूचना दी कि कुछ लोग जंगल से हरे भरे पेड काट कर ले जा रहे है।

जिस पर वह लोग रास्ते में थे उसी दौरान एवनी निवासी दयाली अहिरवार मिला जिसने अपनी तबियत खराब बताई जिसे लेकर वह तालबेहट आ रहे थे। तभी रास्ते में पचास से साठ लोग मार्ग अवरूद्व किए हुए थे। जिन्हे समझा बुझाया जा रहा था तभी और ग्रामीण आ गए तथा बबाल मचाते हुए ईट पत्थर चलाने लगे। बबाल बढता देख कई थानों से फोर्स बुलाई गई। बबाल मचा रहे ग्रामीणों ने तालबेहट कोतवाली व जखौरा थाने की गाडी क्षतिग्रस्त कर दी। जिस पर पुलिस ने सौ से ढेड सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 353, 332, 188, 269, 270, 132, लोक अधिनियम की धारा 7 व सार्वजनिक संपत्ति तोडफोड धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।


पीडि़त व उसके परिजनों पर मुकदमा दर्ज


पुलिस मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुए दयाली अहिरवार व उसके पुत्रों के खिलाफ पूराकलां थाने में वन रक्षक बृजेन्द्र शर्मा की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया। वन रक्षक बृजेन्द्र शर्मा पर तहरीर पर पूराकलां पुलिस ने दयाली पुत्र सबदल, बैजु पुत्र चतुरे, मनसुख पुत्र दयाली, पूरन पुत्र सबदल पर धारा 147, 353, 332, 504, 506 सहित वन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।


गले नहीं उतर रही पुलिस की कहानी


पूराकलां पुलिस द्वारा तालबेहट कोतवाली में लिखाए गए मुकदमें में बताया गया कि रास्ते में मिले दयाली अहिरवार की तबियत खराब थी। जिसे लेकर वह तालबेहट अस्पताल आ रहे थे। जबकि ग्रामीणों ने बबाल इसी बात को लेकर काटा कि रास्ते से पुलिस दयाली को थाने ले गई जहां उसके साथ जमकर मारपीट की गई जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे लेकर पुलिस अस्पताल आ रही थी तभी ग्रामीणों का गुस्सा भडक़ गया। जबकि पुलिस की कहानी बता रही कि रास्ते में मिले दयाली अहिरवार की हालत बिगडऩे पर उसकी मदद करते हुए उसे अस्पताल ला रहे थे। यदि पुलिस बीमार हालत में मिले दयाली को लेकर अस्पताल ला रही थी तो फिर दयाली अवैध लकड़ी के मामले में क्यों अपराधी बनाया गया।


पूराकलां पुलिस व अपराधी का गठजोड़


पूराकलां एसो अवधेश चौहान जनपद के जाखलौन में तैनात रहे है। जहां उनसे एक शातिर अपराधी से याराना गहरा गया था। जिसके बाद एसो चौहान जहां जहां तैनात रहे वह उसे अपने हमराह बना कर रखे रहे। वर्तमान में पूराकलां थाना क्षेत्र में जबरदस्त कमाई का जरिया बने शातिर अपराधी से क्षेत्र के लोग खौफ खाते है। मारपीट, अवैध वसूली से लेकर कई आरोप लगने के बाद भी पूराकलां एसो के साथ उसका याराना नहीं छूटा। कुछ दिन एक आशा कार्यकत्री ने भी उक्त अपराधी पर आरोप लगाए थे कि उसने उसके निर्दोष पुत्र को पकडक़र कोतवाली ले जाने व उसके साथ मारपीट के आरोप लग चुके है।



कई संगीन आरोपों के बाद भी अफसरों का साथ


पूराकलां एसो अवधेश चौहान पर थाना जाखलौन, महरौनी, तालबेहट कोतवाली समेत जहां जहां तैनात रहे। उसकी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चर्चा बनी रही। अपराधिक तत्वों से याराना, अवैध शराब व खनन के कई चर्चित अपराधियों को सरंक्षण देने के संगीन आरोप लग चुके है। पूराकलां थाना क्षेत्र में हुई कई गंभीर अपराधिक घटनाओं में पुलिस की संलिप्ता के वावजूद पुलिस कप्तान ने अब तक कोई कार्रवाही नही की। बीते छै माह में पुलिस कप्तान के पास पूराकलां के पीडि़तों के दर्जनों शिकायती पत्र होने के वावजूद कार्यवाही न करना पुलिस अफसर की सरपस्ती का संकेत देते है।



पुलिस कप्तान कै. मिर्जा मंजर बेग भी पूरे प्रकरण में बातचीत पर जांच की बात कहते हुए बचाव की मुद्रा में नजर आए। ऐसे में दागदार होती वर्दी के खिलाफ अफसर कतरा रहे।

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