सम्मान निधि के चयनित किसानों के बनेंगे केसीसी: डीएम

सम्मान निधि के चयनित किसानों के बनेंगे केसीसी: डीएम

किसानों को मिलेगा सम्पूर्ण योजनाओं का लाभ ललितपुर। जनपद में किसान सम्मान निधि में चयनित किसानों को किसान क्रडिट कार्ड का भी लाभ दिया जायेगा। यह जानकारी जिलाधिकारी योगेश शुक्ला ने प्रेसवार्ता के दौरान बतायी है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे किसानों को चिहिन्त कर जो किसान सम्मान निधि को प्राप्त कर चुके

किसानों को मिलेगा सम्पूर्ण योजनाओं का लाभ

ललितपुर।

जनपद में किसान सम्मान निधि में चयनित किसानों को किसान क्रडिट कार्ड का भी लाभ दिया जायेगा। यह जानकारी जिलाधिकारी योगेश शुक्ला ने प्रेसवार्ता के दौरान बतायी है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे किसानों को चिहिन्त कर जो किसान सम्मान निधि को प्राप्त कर चुके ऐसे कृषकों जिनका किसान के्रडिट कार्ड नहीं बना है, ऐसे किसानों का कार्ड अभियान के तहत बनाया जायेगा। 

वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत किसानों 6 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। जनपद में इसका लक्ष्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन उन किसानों में कई किसान ऐसे भी हैं, जिनके पास किसान क्रडिट कार्ड नहीं है। सरकार ने ऐसे किसानों को चिहिन्त कर एक अभियान के तहत 8 फरवरी से 23 फरवरी तक क्रेडिट कार्ड बनाये जायेंगे। इस योजना में ग्राम विकास विभाग, कृषि विभाग व बैंकों को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में 2 लाख 43 हजार 675 किसान हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिल चुका है। कुछ ऐसे किसान जरूर हैं, जिनका पंजीयन के समय आधार कार्ड व बैंक खातों में त्रुटि है।

वही किसान लाभ वंचित रह पाये हैं। उन्होंने बताया कि जब वह जनपद में आये थे, तब काफी किसान इस योजना से वंचित थे, इसका मूल कारण यह था कि खाते में कई किसान के नाम दर्ज थे, इनमें कई किसानों के खाते न खुलने के कारण सम्भव नहीं हो पा रहा था।

इसके राजस्व ग्राम लेखपालों को भेजकर ऐसे किसानों को चिहिन्त कर उन्हें लाभ पहुँचाने का कार्य किया। यही कारण अन्य जनपदों की अपेक्षा जिला नम्बर वन रहा है। साथ ही केसीसी में तीन श्रेणी रखी गयी हैं, पहली श्रेणी में ऐसे किसान जिनका केसीसी नहीं बना है, दूसरे वह जिनका बना तो है, लेकिन उनकी लिम्ट कम है, तीसरे वह जो बन्द है, उन्हें चलन सार करना है। साथ ही पशुपालकों के भी केसीसी बनाये जायेंगे। 

पालतू पशुओं पर भी टेगिंग

प्रेसवार्ता के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि आवारा पशुओं को गौ वंश आश्रय स्थलों पर भेज दिया गया है। लेकिन अभी भी सडक़ों पर जानवर घूमते दिखायी देते हैं, जाँच से पता चला है, गौ पालक दूध दोहन कर अपने जानवरों को सडक़ों पर छोड़ देते हैं, जिससे दुर्घटनायें भी होती हैं, इन्ही सब तथ्यों को देखते हुये, अब शीघ्र ही पालतू जानवरों टेगिंग की जायेगी, जिससे की आवारा पशुओं और पालतू पशुओं का पता लगाया जा सके।

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