भागीरथ सहरिया की मौत का नही हुआ खुलासा

भागीरथ सहरिया की मौत का नही हुआ खुलासा

परिजनों का आरोप पांच दिन बाद भी नही हुई कार्यवाई तालबेहट। पांच दिन पूर्व कोतवाली क्षेत्र के माताटीला डूब क्षेत्र में स्थित खेतों में खाद डालने जा रहे सहरिया किसान की तैरती हुई लाश मिली थी। जिसमें मृतक के परिजनों व मृतक के तैरकर आए साथी ने मछली ठेकेदार के आदमियों पर स्टीमर से

   परिजनों का आरोप पांच दिन बाद भी नही हुई कार्यवाई

तालबेहट।

पांच दिन पूर्व कोतवाली क्षेत्र के माताटीला डूब क्षेत्र में स्थित खेतों में खाद डालने जा रहे सहरिया किसान की तैरती हुई लाश मिली थी। जिसमें मृतक के परिजनों व मृतक के तैरकर आए साथी ने मछली ठेकेदार के आदमियों पर स्टीमर से कुचल कर मार देने का आरोप लगाया था। इस मामले में परिजनों का आरोप है कि पांच दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने अब तक कोई कार्यवाई नही की। 

विदित है कि राजपुर निवासी भागीरथ सहरिया और उसका पड़ोसी किशोरी सहरिया माताटीला बांध के भराव क्षेत्र स्थित अपने खेतों में 5 फरवरी की तडक़े खाद डालने गया था। आरोप है कि जहां मछली ठेकेदार के आदमियों ने उन्हे मछली चोर समझ कर स्टीमर से अगवा कर मारपीट कर स्टीमर से गिरा कुचल दिया था। जिसमें भागीरथ की डूबने से मौत हो गई। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया मगर मौत का कोई कारण स्पष्ट न होने पर बिसरा सुरक्षित रख लिया गया।

मृतक सहरिया किसान की वृद्व मां और वेवा पत्नी का आरोप है कि उन्होनेेंं पूरे घटनाक्रम की शिकायत जखौरा थाने में एवं तालबेहट कोतवाली में की थी। मगर पांच दिन बीतने के बाद भी सहरिया की मौत के प्रकरण में कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज नही किया। मृतक सहरिया की तीन नबालिक पुत्रियां व एक मासूम पुत्र अनाथ हो कर मुफलिसी व गरीबी में जीवन गुजारने का मजबूर है।

तीन मासूम पुत्रियां और बेटा हुए अनाथ

खेती बाड़ी कर दो वक्त की रोटी की जुगत में रहने बाले घर के मुखिया भगीरथ की मौत के बाद घर मे मातम पसरा है। बूढ़ी माँ और विलाप करती पत्नी की पथराई आंखें बेबसी को साफ बयां कर रही है। परिवार को चिंता है कि इन बच्चों को अब दो वक्त की रोटी का इंतजाम कौन करेगा।

नहीं मिली सरकारी मदद

दबंग मछली ठेकेदार के आदमियों से मिली दर्दनाक मौत के बाद बेबस गरीब परिवार को जहां जखोरा थानाध्यक्ष ने 11 हजार रूपये की आर्थिक मदद कर मानवीय संवेदना व्यक्त की वहीं प्रशासन की ओर से पांच दिन बीतने के बाद भी पीड़ित परिवार को कोई राहत नहीं मिली। 

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