डीएम के निरीक्षण के बावजूद कान्हा गौशाला में जमकर लगाई जा रही डस्ट
कबरई-महोबा:- अनूप सिंह की खास रिपोर्ट पिछले कई वर्षों से बुंदेलखंड का किसान दैवीय आपदा और अन्ना जानवरों की मार झेल रहा था लेकिन प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रही है जिनमे प्रमुख अन्ना जानवरों से निजात दिलवाना है। अन्ना जानवरों
कबरई-महोबा:-
अनूप सिंह की खास रिपोर्ट
पिछले कई वर्षों से बुंदेलखंड का किसान दैवीय आपदा और अन्ना जानवरों की मार झेल रहा था लेकिन प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रही है जिनमे प्रमुख अन्ना जानवरों से निजात दिलवाना है। अन्ना जानवरों की समस्या को देखते हुए योगी सरकार करोडों रुपये की लागत से कान्हा गौशालाओं का निर्माण करवाया रही है लेकिन भ्रस्ट तंत्र के चलते कान्हा गौशालाओं के निर्माण में ठेकेदार व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर धांधली की जा रही है।
डेढ़ करोड़ की अधिक लागत से बन रही कान्हा गौशाला में मानकों की हो रही अनदेखी
मामला महोबा जनपद के कबरई का है जहाँ पर पहरा रोड पर में कान्हा गौशाला का निर्माण डेढ़ करोड़ की अधिक लागत से हो रहा है लेकिन ठेकेदार द्वारा मानकों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य में जमकर डस्ट लगाई जा रही है।गौशाला के निर्माण में मानकों की अनदेखी को लेकर स्वतंत्र प्रभात समाचार ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी जिसके बाद जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने कान्हा गौशाला में ठेकेदार द्वारा डस्ट के प्रयोग की खबर प्रकाशित होने के बाद मौके पर जाकर औचक निरीक्षण किया था जिसमें निर्माण कार्य में डस्ट लगाई जा रही थी जिसपर जिलाधिकारी ने ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई थी और मानक के अनुरूप जल्द निर्माण के निर्देश दिए थे।
औचक निरीक्षण में डीएम ने डस्ट के प्रयोग में ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई थी
जिलाधिकारी के निरीक्षण के बाद अधिशाषी अधिकारी वेदप्रकाश सिंह ने भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया था और मानक के विपरीत हो रहे निर्माण कार्य पर ठेकेदार को एक नोटिस भी थमाया था जिसमें साफ लिखा था कि अगर बालू की जगह डस्ट लगाई गई और समय से कार्य पूर्ण नही किया गया तो ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।लेकिन हद तो तब हो जाती है कि जिलाधिकारी और अधिशाषी अधिकारी के आदेश के बावजूद ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य मे लगातार मानकों की अनदेखी करते हुए जमकर डस्ट लगाई जा रही है।
जाँच के नाम पर हो रही सिर्फ लीपापोती
जहाँ एक ओर भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर ठेकेदार सरकारी नुमाइंदों से सांठगांठ बनाकर जमकर सरकारी धन का बंदरबांट कर रहे हैं और सरकारी निर्माण कार्य में जमकर धांधली की जा रही है अब देखना यह होगा कि लगातार शिकायत मिलने व लगातार अधिकारियों के द्वारा नोटिस भेजने के बाद अब क्या कार्यवाही होती है या यूं ही भ्रष्टाचार की नई इमारतें लिखी जाती रहेंगी।
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