बेजुबान जानवरों का भूख तथा प्यास मिटाने का किया गया प्रयास
स्वतंत्र प्रभात-हरिद्वार आज दिनांक 11 मई 2020 को मां बासमती सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं द्वारा कुसम्ही जंगल के कई क्षेत्रों में भूखे प्यासे जानवरों को फल फूल चना ब्रेड आदि खिलाकर तथा पानी पिलाकर बेजुबान जानवरों का भूख तथा प्यास मिटाने का प्रयास किया गया।इस अवसर पर संस्था के प्रबंधक रामनाथ निषाद ने कहा कि
स्वतंत्र प्रभात-हरिद्वार
आज दिनांक 11 मई 2020 को मां बासमती सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं द्वारा कुसम्ही जंगल के कई क्षेत्रों में भूखे प्यासे जानवरों को फल फूल चना ब्रेड आदि खिलाकर तथा पानी पिलाकर बेजुबान जानवरों का भूख तथा प्यास मिटाने का प्रयास किया गया।इस अवसर पर संस्था के प्रबंधक रामनाथ निषाद ने कहा कि लॉकडाउन के पहले दिन से ही मां बासमती सेवा संस्थान के सभी सदस्य कई क्षेत्रों में मानव सेवा सहित जानवरों का भी सेवा करते चले आ रहे हैं।
रामनाथ निषाद ने इस कार्य हेतु संस्था के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। रामनाथ निषाद ने कहा कि आज की जो घड़ी है मानव के परीक्षा की घड़ी है जिस प्रकार से वैश्विक महामारी का प्रकोप गरीब मजदूर झेल रहा है उसी प्रकार से इस महामारी का प्रकोप बेजुबान जानवर भी झेल रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन से पहले जब आम जनमानस हर जगह जाने के लिए आजाद जैसे मंदिर मस्जिद गिरजा गुरुद्वारे अब लॉकडाउन के कारण सभी सार्वजनिक स्थल बंद पड़े हैं
जिसके कारण गरीब इंसानों के साथ साथ बेजुबान जानवर भी भूख प्यास से तडफ़ रहे हैं उन्होंने सभी लोगों से निवेदन किया कि अपने आसपास मौजूद गरीब लोगों के साथ साथ बेजुबान जानवरों का भी ख्याल रखें।इस मौके पर मौजूद नागरिक सुरक्षा के पोस्ट वार्डन श्री मनोज निषाद ने मां बासमती सेवा संस्थान का प्रशंसा करते हुए कहा कि जो सफलता और संपदा पाकर इतराते नहीं, जो संकट और विपत्ति में घबराते नहीं,
जो किसी के मजबूरी से फायदा उठाते नहीं, जो दूसरे के दुख को अपना दुख जैसा ही समझते हैं, जो परोपकार के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, और सेवा कर के भी धन्यवाद देते हैं, जो धैर्य और विवेक कभी नहीं छोड़ते ऐसे लोगों का हम और हमारा पूरा समाज सम्मान करता है।
उन्होंने कहा कि मां बासमती सेवा संस्थान के प्रबंधक रामनाथ निषाद ने वह कर दिखाया है जो हम कभी नहीं सोच सकते उन्होंने कहा कि रामनाथ निषाद का निस्वार्थ भाव सेवा हमारे समाज के लिए एक प्रेरणा दाई बनेगा।मनोज निषाद ने उपरोक्त सभी बातें रामनाथ निषाद के लिए कहीं तथा उनको और उनके संस्था को धन्यवाद भी दिया।
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