आईवीपीए ग्लोबल राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस 2024 : 'वेज ऑयल्स विजन 2030 : अवसर और चुनौतियां'
दो दिवसीय आईवीपीए ग्लोबल राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली में शुरू
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या वनस्पति तेल उद्योग की चुनौतियों एवं अवसर पर चर्चा
नई दिल्ली, 18 जुलाई 2024। भारतीय वनस्पति-तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने अपने हस्ताक्षर कार्यक्रम, 'आईवीपीए ग्लोबल राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस' के तीसरे संस्करण की सफल शुरुआत की। इस बार कॉन्फ्रेंस की थीम है- 'वेज ऑयल्स विजन 2030 : अवसर और चुनौतियां'। कार्यक्रम में दुनिया भर से लगभग 500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, मलेशिया के वृक्षारोपण और उत्पाद मंत्री वायबी दातुक सेरी जौहरी बिन अब्दुल गनी, इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय की व्यापार नीति एजेंसी के प्रमुख डॉ. आई.आर. कासन एमएम, क्षेत्रीय निदेशक दक्षिण एशिया, यूएसएसईसी केविन रोपके और अर्जेंटीना के कृषि मंत्री श्री मारियानो बेहरान ने सम्मेलन की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर मलेशिया के वृक्षारोपण एवं उत्पाद मंत्री दातुक सेरी जौहरी अब्दुल गनी का विशेष स्वागत किया गया। इन सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने क्षेत्र में साझा मिशन और सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया। सम्मेलन में अर्जेंटीना, ब्राजील, मलेशिया और इंडोनेशिया के दूतावासों, नीति आयोग, यूएस सोयाबीन एक्सपोर्ट काउंसिल, आरएसपीओ, एपिकोल, एसडी गुथरी इंटरनेशनल, अडानी, पतंजलि फूड्स और भारत में कई अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की।
इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने कहा, आईपीपीए वैश्विक गोलमेज सम्मेलन वनस्पति तेल उद्योग के भीतर विशाल अवसरों की खोज करने, जटिल चुनौतियों का समाधान करने और विचारों के खुले आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वी भारत में चावल की फसल के बाद बची परती भूमि पर अगले 7-8 महीनों या उससे अधिक समय तक तिलहन की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। हालांकि, नीति निर्माताओं के सामने जीएम सरसों मामले, जो वर्तमान में अदालत में लंबित है, और वैश्विक कीमतों के आधार पर गतिशील शुल्क परिवर्तन जैसे मुद्दों से निपटने की चुनौती होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यह क्षेत्र भविष्य में निरंतर विकास करे।
इस अवसर पर मलेशिया के वृक्षारोपण और उत्पाद मंत्री वाईबी दातुक सेरी जौहरी बिन अब्दुल गनी ने कहा, भारतीय बाजार मलेशिया के लिए महत्वपूर्ण और बढ़ता हुआ बाजार है और हम यहां पाम तेल के अलावे भी अवसर तलाशने के लिए तत्पर हैं। चावल और चीनी के अलावा, मलेशिया नियमित रूप से भारत से कई और वस्तुएं खरीदता है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापार संबंधों को उजागर करता है।
स्थायी पाम तेल उत्पादन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है, और हम यथासंभव पूर्ण सीमा तक पर्यावरण की रक्षा करने का प्रयास करते हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारा पाम तेल उद्योग वैश्विक मांगों को पूरा करते हुए पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार बना रहे। हमारा मानना है कि अपने व्यापार क्षितिज का विस्तार करके और अपने स्थिरता प्रयासों को मजबूत करके, हम भारत के साथ और भी मजबूत आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दे सकते हैं।
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