
प्राचीन तालाब और कुओं से हटवाया जाये अतिक्रमण
प्राचीन तालाब और कुओं से हटवाया जाये अतिक्रमण
- भाजपा नेता ने जलशक्ति मंत्री को लिखा पत्र
बांदा।
चित्रकूट धाम मंडल बांदा मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी प्राचीन तालाबों और कुआ की साफ-सफाई करा कर उनकी मरम्मत कराए जाने और तालाबों से अतिक्रमण हटाए जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को पत्र भेजा है।
पूर्व जिला अध्यक्ष ने जल शक्ति मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को भेजें पत्र में अवगत कराया है कि बुंदेलखंड में जल का स्रोत मुख्य रूप से तालाब और कुएं ही रहे हैं ।परंतु बहुत से कुओं में गंदगी हो गई है या फिर धीमे-धीमे अपना अपना अस्ततित्व हैं खो रहे हैं।या जीर्ण शीर्ण हो गए हैं। जिस कारण बहुत से कुएं उपयोग में नहीं आ रहे हैं। कुछ लोगो ने कुआं में भी अवेध कब्जा कर रखा है। इसी प्रकार तालाबों में लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे तालाब अपना नामोनिशान मिटाने की कगार पर आ रहे । आम लोगो और गर्मियों में जीव जंतु, जानवर भी एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
श्री त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि 15 जून 2022 के पहले चित्रकूट धाम मंडल बांदा के सभी तालाबों को चिन्हित करा कर उनसे अवैध अतिक्रमण हटाया जाए। और उनकी साफ सफाई कराते हुए मरम्मत कराई जाए ।इसी प्रकार सभी जल संसाधन को चिन्हित कराकर प्राचीन जल संसाधन बचाओ अभियान चलाया जाए। कुवा तालाब का जीर्णाेद्धार कराया जाए। ताकि आगामी बरसात में यह सभी तालाब और कुवा लबालब हो सके।इस अभियान से बुंदेलखंड में लगातार गिर रहे जलस्तर को भी भविष्य में बचाया जा सकता है ।और लोगों को तालाबों से लाभ मिले कोई जानवर प्यास से बेहाल न रहे।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष त्रिपाठी ने अपने पत्र में ऐसे तालाब भी बताए हैं कि जिनका सुंदरीकरण कराया जा सकता है। ये तालाब है कंधरदास का विशाल तालाब, छाबी तालाब,प्रागी तालाब जैसे विशाल तालाबों को अमृत महोत्सव में शामिल कर आजादी के अमृत सरोवर के अंतर्गत सुंदरीकरण कराकर पर्यटन के क्षेत्र मे विकसित किया जाए तो बांदा शहर के बच्चो के लिए बहुत ही सुन्दर पिकनिक स्पॉट साबित हो सकता है।
पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी अपने पत्र की एक प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजते हुए निवेदन किया है कि बुंदेलखंड का लगातार जल स्तर गिर रहा है। गिर रहे जल स्तर को बचाने के लिए प्राचीन तालाब बचाओ अभियानको चलाया जाना नितांत आवश्यक है। अन्यथा भविष्य में बुंदेलखंड में पेयजल क्या भीषण संकट हो सकता है।
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