फसल की कटाई कर मशीन से तैयार करता है चारा

फसल की कटाई कर मशीन से तैयार करता है चारा

किसान विद्याकरण तिवारी ने बताया कि बरसीम की कटाई अकेले अपने बलबूते की जाती है। फिर इसे चारा काटने वाली मशीन से काटकर बरसीम का चारा तैयार किया जाता है। उसने बताया कि बरसीम का चारा पन्द्रह से बीस डलिया होने के बाद इसे नजदीक के खुले बाजार में बेचा जाता है। जिससे चार सौ

किसान विद्याकरण तिवारी ने बताया कि बरसीम की कटाई  अकेले अपने बलबूते की जाती है। फिर इसे चारा काटने वाली मशीन से काटकर बरसीम का चारा तैयार किया जाता है। 

उसने बताया कि बरसीम का चारा पन्द्रह से बीस डलिया होने के बाद इसे नजदीक के खुले बाजार में बेचा जाता है। जिससे चार सौ पांच सौ रुपये सीधे तौर पर जेब में आते है। बरसीम की फसल से ही चलता है घर का सारा खर्च समर्थ फाउन्डेशन के सचिव देवेन्द्र गांधी ने बताया कि किसान विद्याकरण तिवारी ने बरसीम की फसल के सहारे हौसले की उड़ान भरी है। इससे उसका पूरा परिवार खुशहाली के रास्ते पर चल रहा है। 

किसान अपने पुत्र शोभित (21) उच्च शिक्षा में पढ़ा रहा है। बरसीम के साथ-साथ ही इसने अपने फालतू जमीन पर बागवानी तैयार की  है। बुन्देलखंड के 24 गांवों में किसानों की बदली सूरत एग्रीसेट हैदराबाद के वैज्ञानिक डा.प्रकाश राठौड़ ने बताया कि समर्थ फाउन्डेशन की मदद से बुन्देलखंड के ललितपुर, झांसी, जालौन, बांदा, चित्रकूट, महोबा व हमीरपुर में तीन-तीन गांवों में किसान कम पानी में होने वाली बरसीम की फसल कर खुशहाली के रास्ते पर चल रहे है। परिवार के समृद्ध होने के साथ ही मवेशियों के चारे की समस्या भी खत्म हो रही है।

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