IAS Success Story: 10 से 15 घंटे की सेल्फ-स्टडी, बिना कोचिंग वंदना मीणा बनीं IAS अफसर
छोटे से गांव से निकलकर बड़ा सपना पूरा किया
वंदना राजस्थान के टोकसी गांव की रहने वाली हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उनके माता-पिता ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि बेटी की पढ़ाई में कोई कमी न आए। बेहतर अवसरों की तलाश में पूरा परिवार दिल्ली आ गया। उनके पिता पृथ्वीराज मीणा दिल्ली पुलिस में अधिकारी हैं, जबकि उनकी मां संपति देवी गृहणी हैं। वंदना बताती हैं कि परिवार ने न सिर्फ उनका साथ दिया, बल्कि हर कदम पर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

Read More UPSC Success Story: किसान की बेटियों ने मेहनत और जज्बे से रचा इतिहास, एक बनी IAS तो दूसरी बनी IPSदिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन
वंदना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गंगापुर सिटी के ज्ञान रश्मि सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की। अच्छे प्रदर्शन के चलते उन्हें दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट कोलंबा स्कूल में एडमिशन मिला। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज से मैथमेटिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन पूरा किया। पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में सिविल सर्विस में जाने का सपना मजबूत हुआ, और यही सपना उन्हें UPSC की तैयारी की ओर ले गया।
AIR 331 हासिल कर बनीं IAS
साल 2021 में वंदना की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC CSE में ऑल इंडिया रैंक 331 हासिल की। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने IAS बनने का सपना पूरा किया। रिज़ल्ट आने के बाद वंदना अपने स्कूल और गांव भी गईं, जहां उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बताया गया। उनकी इस सफलता से न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे गांव और शिक्षकों को गर्व महसूस हुआ।

सेल्फ-स्टडी थी उनकी असली ताकत
UPSC की तैयारी के लिए वंदना ने कोचिंग पर निर्भर रहने के बजाय पूरी तरह से सेल्फ-स्टडी को प्राथमिकता दी। पीक तैयारी के दौरान वह रोजाना 10 से 15 घंटे पढ़ाई करती थीं। उनका कहना है कि इस एग्जाम में निरंतरता, फोकस और सही स्ट्रैटेजी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके अनुशासन और मेहनत ने उन्हें सफलता के उस मुकाम तक पहुंचाया, जिसकी इच्छा हजारों अभ्यर्थी रखते हैं।

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