IAS Success Story: अंकिता चौधरी ने मां के सपने को सच कर रचा इतिहास, दूसरे प्रयास में बनीं IAS अफसर 

IAS Success Story: अंकिता चौधरी ने मां के सपने को सच कर रचा इतिहास, दूसरे प्रयास में बनीं IAS अफसर 

IAS Success Story: कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों तो मंजिल कोई भी क्यों न हो, उसे पाया जा सकता है। इस कहावत को सच कर दिखाया है हरियाणा की आईएएस अफसर अंकिता चौधरी ने। कभी जिंदगी में एक ऐसा दौर आया जिसने उन्हें तोड़कर रख दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गिरकर भी उठीं और ऐसा मुकाम पाया कि अब हर युवा के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई

अंकिता चौधरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। बचपन से ही वे पढ़ाई में बेहद होशियार थीं और उनका सपना था कि वे आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करें। ग्रेजुएशन पूरी करते ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

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2017 में टूटा दुखों का पहाड़

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साल 2017 अंकिता की जिंदगी का सबसे कठिन साल साबित हुआ। जब वे दिन-रात यूपीएससी की तैयारी में जुटी थीं, तभी उनकी मां का निधन हो गया। मां ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थीं। यह सदमा इतना गहरा था कि अंकिता अंदर से टूट गईं। उसी साल वे परीक्षा में असफल रहीं, लेकिन उनके पिता ने हिम्मत नहीं टूटने दी।

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पिता ने बढ़ाया हौसला

अंकिता के पिता ने उन्हें संभाला और याद दिलाया कि उनकी मां का सपना था कि अंकिता एक आईएएस अफसर बने। पिता के इन शब्दों ने अंकिता को फिर से ऊर्जा दी। उन्होंने खुद से वादा किया कि अब मां का सपना किसी भी हाल में पूरा करना है।

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2018 में हासिल की ऑल इंडिया 18वीं रैंक

अगले ही साल, यानी 2018 में, अंकिता ने दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 18 हासिल कर इतिहास रच दिया। उनकी सफलता ने न सिर्फ परिवार को गर्व से भर दिया, बल्कि यह साबित कर दिया कि कठिनाइयाँ सफलता की राह में केवल परीक्षा लेती हैं।

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