व्हाइट हाउस में ममदानी से मिले ट्रंप, भारत-पाकिस्तान शांति में भूमिका का दावा दोहराया-लेकिन हकीकत क्या है?
International Desk
ओवल ऑफिस में ट्रंप–ममदानी मुलाकात
विजय के बाद पहली औपचारिक बातचीत के लिए मेयर ममदानी व्हाइट हाउस पहुंचे, जहाँ ओवल ऑफिस में हुई मुलाकात को ट्रंप ने “शानदार” बताया। इसी दौरान उन्होंने भारत–पाकिस्तान तनाव पर अपने पिछले दावे दोहराए।
ट्रंप ने कहा कि मई में दोनों देशों के बीच शत्रुता बढ़ने पर उनके प्रशासन ने शांति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों को चेतावनी दी थी कि यदि वे संघर्ष नहीं रोकते, तो अमेरिका 350% तक के भारी टैरिफ लगा सकता है।
मई के संघर्ष का ज़िक्र फिर छेड़ा
ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया था—“हम युद्ध नहीं करेंगे।”
10 मई को सोशल मीडिया पर ट्रंप ने दावा किया था कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में लंबी रात की बातचीत के बाद दोनों देश “पूर्ण और तत्काल युद्धविराम” पर सहमत हुए।
इसके बाद से अब तक ट्रंप 60 से अधिक बार यह बयान दे चुके हैं कि भारत–पाकिस्तान तनाव को “उन्होंने समाधान कराया।”
भारत का जवाब: ‘कोई मध्यस्थता नहीं हुई’
भारत ने इन बयानों के विपरीत एक स्पष्ट रुख बनाए रखा है।
नई दिल्ली के अनुसार—
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मई का तनाव पूरी तरह द्विपक्षीय प्रक्रिया से नियंत्रित हुआ
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किसी भी प्रकार की अमेरिकी मध्यस्थता का प्रश्न ही नहीं उठता
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भारत किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देता
भारत के रुख को और भी स्पष्ट करने वाले तथ्य हैं ऑपरेशन सिंदूर, जिसे भारत ने 7 मई को शुरू किया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई थी, जिसमें 26 नागरिकों की हत्या हुई थी।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की कार्रवाई के बाद वार्ता
इस ऑपरेशन के तहत भारत ने:
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पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढाँचे को निशाना बनाया
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4 दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमले चलाए
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आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक सैन्य दबाव बनाया
इसके बाद दोनों देशों ने 10 मई को शत्रुता समाप्त करने पर सहमति जताई—लेकिन नई दिल्ली के अनुसार यह समझौता भारत–पाकिस्तान की सीधी बातचीत का परिणाम था, न कि किसी “बाहरी मध्यस्थता” का।
ट्रंप के दावों की टाइमिंग
ट्रंप के ये बयान ऐसे समय आ रहे हैं जब उन्होंने हाल ही में कई मुद्दों पर अपनी कूटनीतिक उपलब्धियों को रेखांकित करना शुरू किया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयानबाज़ी घरेलू राजनीतिक संदर्भ में भी देखी जा सकती है, क्योंकि ट्रंप खुद को एक “पीसमेकर” के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

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