श्रावस्ती बीजेपी के अल्पसंख्यक पदाधिकारी को दंबगो ने पीटा, पुलिस कार्रवाई शून्य

श्रावस्ती बीजेपी के अल्पसंख्यक पदाधिकारी को दंबगो ने पीटा, पुलिस कार्रवाई शून्य

बलरामपुर -डबल इंजन की सरकार में अल्पसंख्यक सशक्तिकरण की मंशा को आगे बढ़ाते हुए श्रावस्ती के अख़्तियार अहमद ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का जिला महामंत्री भी नियुक्त किया। लेकिन यह कदम स्थानीय स्तर पर कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं और विपक्षी तत्वों को रास नहीं आया। समुदाय और पार्टी स्तर पर विरोध के बीच अख़्तियार अहमद पर दबंगों द्वारा हमला किए जाने का मामला अब गंभीर रूप लेता जा रहा है।
 
अख़्तियार अहमद के नज़दीकी रिश्तेदार नसीम पुत्र असलम इदरीसी के छोटे भाई टोपी ने भाजपा में उनके शामिल होने पर नाराज़गी जताई। इसी नाराज़गी के चलते वह अख़्तियार अहमद की दुकान पर पहुँचा और जमकर गाली-गलौज की मारपीट की बीजेपी से इस्तीफ़ा देने का दबाव बनाया कहा कि “मुस्लिम समुदाय की BJP में कोई इज्जत नहीं, सिर्फ इस्तेमाल किया जाता है” और सबसे भयावह — “परिवार सहित जान से मार देने” की धमकी दी हमले से परेशान अख़्तियार अहमद ने थाना कोतवाली भिनगा में तहरीर दी।
 
अख़्तियार अहमद का आरोप है कि विपक्षी दलों से जुड़े दबंग किस्म के लोग राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हैं, जिसके कारण पुलिस FIR दर्ज करने में भी टालमटोल कर रही है आरोपी अब तक खुलेआम घूम रहे हैं भाजपा जिला महामंत्री होने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही यह स्थिति न केवल शर्मनाक है बल्कि कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। बीजेपी कार्यकर्ताओं में भी विरोध? सूत्र बताते हैं कि कुछ स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता आज भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पार्टी का हिस्सा मानने में असहज हैं। यही सामाजिक तनाव अब हिंसा का रूप लेने लगा है।
 
क्या मुस्लिम समुदाय बीजेपी से जुड़े लोगों को स्वीकार करेगा? बीजेपी से जुड़ने वाले अल्पसंख्यक नेताओं को लेकर पहले भी विरोध के स्वर उठते रहे हैं। अख़्तियार अहमद का मामला अब अल्पसंख्यक समुदाय में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
 
 

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