कोन में एक दिवसीय सत्संग का आयोजन,सत्संग प्रेमियों की उमड़ी भीड़
यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध होता है- आचार्य जनेश्वर
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
विकास खण्ड कोन अंतर्गत देवी मंदिर, खेतकटवा के प्रांगण में सद्विप्र समाज द्वारा एक दिवसीय हवन-पूजन एवं सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में समाज के अनेक वरिष्ठ विद्वान, आचार्य, गुरुजन और श्रद्धालु बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार और देवी मां के जयघोष के साथ हुआ। इस अवसर पर आचार्य जनेश्वर ने हवन-यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ न केवल आध्यात्मिक जीवन को पवित्र करता है, बल्कि इसके धूम्र और ऊर्जात्मक प्रभाव से पर्यावरण भी शुद्ध होता है। उन्होंने साधना के सकारात्मक परिणामों का भी उल्लेख किया।
सत्संग के दौरान समाज के प्रधान प्रतिनिधि उमेश ने जीवन में गुरु के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गुरु ही वह ज्योति हैं जो शिष्य के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर जीवन को नई दिशा देती हैं। उन्होंने गुरुतत्व को मानवीय जीवन की सबसे बड़ी संपदा बताया।
गोपाल गुरुजी ने उपस्थित लोगों को योग और ध्यान अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि योग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति का भी साधन है। राजेश और विजय पथिक ने गुरुदीक्षा के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि गुरु से दीक्षा ग्रहण करने पर ही शिष्य का जीवन वास्तविक रूप से आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होता है।पूरे कार्यक्रम में भक्ति, भजन और आध्यात्मिक प्रवचनों की गूंज रही।
श्रद्धालुओं ने पूरे भाव से हवन में आहुति दी, जिससे वातावरण स्वाहा और जय माता दी के उद्घोष से गूंज उठा। इस अवसर पर अशोक निराला सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हवन एवं सत्संग का लाभ उठाया, जिससे समाज में अध्यात्म, संस्कार और एकता का संदेश प्रसारित हुआ।

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