Haryana: हरियाणा में कुम्हार समाज को बड़ी राहत, CM सैनी ने किया ये ऐलान

Haryana: हरियाणा में कुम्हार समाज को बड़ी राहत, CM सैनी ने किया ये ऐलान

Haryana News: हरियाणा में कुम्हार (प्रजापति) समाज के लिए राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही हैग्रामीण क्षेत्रों के बाद अब नगर निगमों, नगर परिषदों और नगरपालिका क्षेत्रों में शामिल गांवों के कुम्हारों को भी बर्तन बनाने और पकाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है

शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस संबंध में राज्य के 87 शहरी निकायों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों में आंवा, पंजावा या कुम्हारधाना के लिए पहले से आरक्षित भूमि की उपलब्धता की रिपोर्ट दो दिनों के भीतर भेजें। रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इसकी अंतिम मंजूरी दे सकते हैं।

गांवों में पहले ही बांटे जा चुके हैं जमीन आवंटन पत्र

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अगस्त माह में हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में कुम्हार समाज के लोगों को बर्तन बनाने व पकाने के लिए जमीन का आवंटन शुरू किया था। अनेक गांवों में यह आवंटन पूरा भी हो चुका है।

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लेकिन जैसे ही यह प्रक्रिया शुरू हुई, नगर निगम क्षेत्रों में शामिल गांवों के कुम्हारों की ओर से भी मांग उठने लगी कि उन्हें भी समान सुविधा मिले।

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मेयर राजीव जैन ने उठाई थी आवाज

सोनीपत के मेयर और मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने इस मामले को गंभीरता से उठाया। उन्होंने 18 अगस्त को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया था कि शहरी क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में कुम्हार समुदाय के लोग रहते हैं।

उनके पास काम करने के लिए कोई निश्चित जगह नहीं है, जिससे उन्हें मजबूर होकर सड़क किनारे बर्तन पकाने पड़ते हैं। इससे न केवल वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि सड़कों पर अवरोध भी पैदा होते हैं।

राजीव जैन ने यह भी कहा था कि कई लोग यह पेशा छोड़ चुके थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के बाद मिट्टी के बर्तनों की मांग फिर बढ़ी है, जिससे कुम्हार समुदाय में उत्साह लौटा है।

अब शहरी क्षेत्रों में भी मिल सकती है जमीन

निकाय विभाग के अनुसार, अब तक शहरी निकाय क्षेत्रों में शामिल गांवों में कुम्हार समुदाय के लिए कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं थी। इसी कारण ये लोग अब तक ग्रामीण योजना का लाभ नहीं ले पाए थे।

लेकिन अब जब सरकार ने भूमि विवरण की रिपोर्ट मांगी है, तो इन क्षेत्रों में रहने वाले कुम्हार समाज के लोगों के लिए भी जमीन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

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