ऊर्जा राजधानी ओबरा में बिजली कटौती से त्राहिमाम, गर्मी और बीमारियों से जूझ रहे नागरिक, विभाग बेपरवाह

ऊर्जा राजधानी ओबरा स्वयं बिजली संकट से बेहाल, घंटों कटौती से त्रस्त नागरिक

ऊर्जा राजधानी ओबरा में बिजली कटौती से त्राहिमाम, गर्मी और बीमारियों से जूझ रहे नागरिक, विभाग बेपरवाह

ओबरा ऊर्जा नगरी का हाल, जनता बेहाल

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

ओबरा/सोनभद्र-

 कभी 'छोटी मुंबई' और 'ऊर्जा की राजधानी' के नाम से विख्यात ओबरा, जो 112 गांवों को मिलाकर बनी तहसील है, आज स्वयं भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है। रेणु और सोन नदी के तट पर स्थित यह शहर अपनी ताप और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां के निवासी इन दिनों अघोषित और लंबी बिजली कटौती से परेशान हैं।स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्हें प्रतिदिन औसतन 5 से 6 घंटे तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

IMG-20250518-WA0078

बर्डपुर में ब्लॉक स्तरीय रबी गोष्ठीः किसानों को आधुनिक खेती अपनाने का आह्वान Read More बर्डपुर में ब्लॉक स्तरीय रबी गोष्ठीः किसानों को आधुनिक खेती अपनाने का आह्वान

उपभोक्ताओं का कहना है कि सर्दी के मौसम में निष्क्रिय रहने वाले निगम के अधिकारी अब बिजली के तार, पोल और ट्रांसफार्मर की मरम्मत के नाम पर मनमानी कटौती कर रहे हैं। रोस्टर के अनुसार, सुबह 5 बजे से 6 बजे तक और दोपहर 1 बजे से शाम 3 बजे तक बिजली गुल रहती है, लेकिन अक्सर बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी बिजली काट दी जाती है।

Kal Ka Mausam: देशभर में कल कैसा रहेगा मौसम? देखें पूर्वानुमान  Read More Kal Ka Mausam: देशभर में कल कैसा रहेगा मौसम? देखें पूर्वानुमान

भीषण गर्मी के इस मौसम में यह बिजली कटौती लोगों की परेशानियों को और बढ़ा रही है। बिजली न रहने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, और रात में नींद पूरी न होने से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार रामप्यारे सिंह ने बताया कि बिजली कटौती मनमाने ढंग से की जा रही है और विधुत वितरण के अधिकारी इस गंभीर समस्या के समाधान में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

 खेत में त्रासदी: रोटावेटर की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम Read More  खेत में त्रासदी: रोटावेटर की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम

कई महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।शहर के लोग बिजली आपूर्ति की नियमित बहाली और विशेष रूप से दोपहर में होने वाली बिजली कटौती को बंद करने की पुरजोर मांग कर रहे हैं। जैसा कि पहले भी बताया गया है, ओबरा नगर के निवासियों को दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच भी बिजली कटौती झेलनी पड़ती है, जो गर्मी का सबसे अधिक प्रचंड समय होता है। इस दौरान बिजली गुल रहने से उन्हें असहनीय गर्मी में तड़पना पड़ता है।

लोग बिजली विभाग के इस असंवेदनशील रवैये से बेहद नाराज हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि विभाग पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।नागरिकों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी जो विधुत कालोनी में रहते हैं,जिनके पास एयर कंडीशनर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनकी पीड़ा को कैसे समझेंगे। उनका यह भी कहना है कि ओबरा में लगभग 1800 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन होने के बावजूद स्थानीय निवासियों को बिजली के लिए तरसना पड़ रहा है।

बिजली कब काटी जाएगी, इसका कोई निश्चित समय नहीं होता और अक्सर बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली गुल कर दी जाती है, जिससे लोगों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। जिम्मेदार अधिकारी कभी सुबह तो कभी दोपहर में बिजली काटकर लोगों को गर्मी की मार झेलने पर मजबूर कर रहे हैं। घरों की बुजुर्ग महिलाएं, पुरुष और छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी में तप रहे हैं और बीमार हो रहे हैं।ओबरा प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत तथा तहसील मुख्यालय है, जिसकी अनुमानित आबादी लाख में है। 

स्थानीय निवासियों ने इस अघोषित और अनियमित बिजली कटौती पर कड़ी आपत्ति जताई है और पुरजोर मांग की है कि बिजली विभाग इस समस्या का तत्काल समाधान करे, ताकि ऊर्जा राजधानी कहलाने वाला ओबरा इस भीषण गर्मी में बिजली की समस्या से निजात पा सके। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे व्यापक और उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel