ओबरा बाबा भूतेश्वर दरबार में पर्यटन विभाग का विकास कार्य अधूरा, समिति ने जताई चिंता
लोगों ने लगाया निर्माणदायी एजेन्सी के ऊपर मनमानी का आरोप
ओबरा भूतेश्वर् दरबार का मामला
अजित सिंह / आर. एन सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
ओबरा स्थित प्रसिद्ध बाबा भूतेश्वर दरबार में पर्यटन विभाग द्वारा विकास कार्य प्रगति पर है लेकिन मंदिर समिति के प्रबंधक राम आश्रम बिंद ने निरीक्षण के दौरान कुछ अधूरे कार्यों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।समिति के प्रबंधक राम आश्रम बिंद ने हाल ही में मंदिर परिसर में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने विकास कार्यों के लिए आवंटित निधि और उसके उपयोग का बारीकी से जायजा लिया। प्रबंधक बिंद ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर के सुंदरीकरण का कार्य अच्छी गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है और कई वर्षों के बाद भाजपा सरकार में मंदिर पर विकास कार्य देखने को मिल रहा है, जबकि पिछली सरकारों में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने इसे विकास की गंगा बताया जो वर्तमान सरकार में मंदिर तक पहुंची है। हालांकि, निरीक्षण के दौरान प्रबंधक ने मंदिर परिसर में बन रहे रैन बसेरा (रैन बेस एरिया) के निर्माण में कुछ अधूरे कार्य पाए जाने की बात कही। उन्होंने बताया कि रैन बसेरा का निर्माण टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से एक निर्माण एजेंसी को सौंपा गया था, लेकिन निर्माण कार्य में कुछ महत्वपूर्ण पहलू अभी भी अधूरे हैं। रैन बसेरा में कांच के शीशे न लगने के कारण बंदरों का आतंक बना रहेगा मंदिर पर सैकड़ो के ताकत में बंदर हैं।उन्होंने इस पर चिंता जरूर व्यक्त की।
यह भी उल्लेखनीय है कि चुनाव की घोषणा हो चुकी है जल्द ही बाबा भूतेश्वर का चुनाव कर नए कार्यकारणी सदस्य निर्णय लिया जाएगा मंदिर समिति चाहती है कि चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने से पहले इन अधूरे कार्यों को पूरा कर लिया जाए ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके।निरीक्षण के दौरान मंदिर समिति के कार्यकर्ता और प्रबंधक भी मौजूद रहे।
सभी ने एक स्वर में पर्यटन विभाग से अपील की है कि वे अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराएं ताकि बाबा भूतेश्वर दरबार आने वाले श्रद्धालुओं को पूर्ण रूप से विकसित और सुंदर परिसर का लाभ मिल सके। मंदिर समिति का मानना है कि बाबा भूतेश्वर दरबार न केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, बल्कि इसमें पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें पूरी तरह से विकसित करके क्षेत्र के विकास में योगदान दिया जा सकता है। अब देखना यह होगा कि पर्यटन विभाग इस निरीक्षण और उठाई गई चिंताओं पर कितना ध्यान देता है और अधूरे कार्यों को कब तक पूरा करता है।

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