ख़जनी: संसार से प्रेम झूठा, भक्त व भगवान का प्रेम सच्चा-प्रदीप मिश्*

भगवान की कथाएं अनंत हैं किंतु सभी कथाएं लोक कल्याण के लिए ही होती है

 ख़जनी: संसार से प्रेम झूठा, भक्त व भगवान का प्रेम सच्चा-प्रदीप मिश्*

रिपोर्टर/रामअशीष तिवारी

खजनी गोरखपुर।
भगवान हर जगह हैं इसे सभी लोग मानते हैं,किन्तु जब उनसे पूछा जाए कि भगवान को देखा है, तो कहते हैं नहीं देखा है! यह भ्रम कथा सुनने से ही दूर होता है।
भगवान की कथाएं अनंत हैं, किन्तु सभी कथाएं लोक कल्याण के लिए ही होती हैं।
उक्त विचार रूद्रपुर खजनी में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण में व्यास पीठ से अयोध्या से पधारे कथा व्यास पंडित प्रदीप मिश्र ने उपस्थित श्रोताओं से व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भगवान राम ने सिर्फ गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का ही उद्धार किया था, लेकिन भगवान के नाम और कथाओं ने करोड़ों भक्तों का उद्धार किया है, कहा गया है कि "राम से बड़ा राम का नाम।"
महाभारत के प्रसंगों की विस्तार सहित चर्चा करते हुए बताया कि द्रोणाचार्य के पुजारी अश्वत्थामा ने किस प्रकार द्रौपदी के पांच पुत्रों की हत्या कर दी और भगवान कृष्ण ने किस प्रकार ब्रह्मास्त्र से उत्तरा के गर्भ की रक्षा की। पांडवों माता कुंती ने यह कहते हुए भगवान श्रीकृष्ण से अपने जीवन में दुख मांगा था और कहा था कि जब तक जीवन में दुख था भगवान श्रीकृष्ण उनके साथ थे।
उन्होंने कहा कि संसार में किसी से भी निश्छल, नि:स्वार्थ प्रेम की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए,सिर्फ भक्त और भगवान का प्रेम ही सच्चा होता है।अपने लोगों से की गई आशाएं ही मनुष्य को निराश करती हैं।
कथा में मुख्य यजमान उर्मिला त्रिपाठी,चंद्रभूषण उर्फ रामधनी त्रिपाठी, अरूण,वेदांश,दूधनाथ दूबे, बैजनाथ,गोपाल तिवारी समेत दर्जनों की संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।

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