आये दिन झोलाछाप डाक्टर कर रहे हैं मरिजों के जान से खिलवाड़
क्लीनिक सील के नाम पर स्वास्थ्य विभाग कर रहा है खानापूर्ति
स्वतंत्र प्रभात
बलरामपुर-
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मदरहवा से महज करीब डेढ़़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुड़वा भोजपुर चौराहा पर लखनऊ क्लीनिक के नाम से संचालित प्राइवेट चिकित्सालय पर झौव्वा गांव की एक महिला को इलाज कराने के लिए परिजन बीते दिन रात्रि करीब 3:30 बजे लाये और चिकित्सालय पर तैनात झोला छाप डॉक्टर फारूक अहमद खान ने इलाज किया गया।
बताते चलें कि महिला के पेट में अधिक दर्द हो रहा था और बीपी 70 था जो काफी घटे हुए स्थिति में था झोलाछाप डॉक्टर ने अंदाजा अनुसार इलाज किया इस दौरान महिला की मृत्यु हो गई जबकि मेडिकल लाइन में अंदाजा नहीं चलता है बल्कि जानकारी होना महत्वपूर्ण होता है महिला की मृत्यु का भनक लगते ही झोलाछाप डॉक्टर ने साक्ष्य हटाने के लिए आनन फानन चौपहिया वाहन बुलाकर तुलसीपुर के लिए मृत्यु अवस्था में भेज दिया तुलसीपुर पहुंचते ही चिकित्सक ने देखते ही कहा कि इनकी मृत्यु पहले ही हो चुकी है।

बाद में परिजन व झोला छाप चिकित्सक के बीच सुगबुगाहट हुई जिस दौरान कुछ पैसे देकर मामले को शांत किया गया हालांकि बाद में परिजनों ने पैसे झोलाछाप डॉक्टर को वापस लौटा दिया।
उक्त घटना पेट्रोल की तरह क्षेत्र में फैल गई जिस संबंध में समाचार प्रतिनिधि ने घटना के बारे में झोलाछाप डॉक्टर से जानकारी चाहा तो किसी प्रकार की जानकारी देने से आना कानी कर रहे थे तो कुछ देर बाद घटना की पुष्टि किया वहीं अंदर मेडिकल स्टोर के आड़़ में इलाज करते आ रहे हैं।
जबकि किसी तरह की मेडिकल स्टोर व प्रैक्टिस की मानक अनुरूप कोई सुविधा भी उपलब्ध नहीं है वहीं वाहर लखनऊ क्लिनिक नेम बोर्ड लगा था जिस फारूक अहमद का नाम नही लिखा है बल्कि बोर्ड पर डा सलमान कासिम व डा फरहान कासिम लिखा हुआ था इससे साबित होता है कि फ्राड भी किया जा रहा है। जिस बोर्ड को भी झोला छाप डाक्टर ने आनन फानन हटा दिया है।
ऐसे स्थिति में आखिर किसके संरक्षण में झोलाछाप डॉक्टर प्रेक्टिस व मेडिकल स्टोर चला रहे हैं बड़ी सवालिया खड़ी हो रही हैं क्षेत्र में इसी तरह झोलाछाप पनपते रहेंगे तो आए दिन मौतें होती रहेगी आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है इस तरह क्षेत्र में इलाज के दौरान अब तक कई मौतें हो चुकी हैं फिर भी झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती ही नजर आ रही है ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है ।
पूर्वजों द्वारा बनाई गई कहावतें है कि अनजान विद्या जीव के घातक इस प्रकरण पर लागू हो रहा है। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि सूचना मिली है ऐसे झोलाछाप डॉक्टर को चिन्हित किया जा रहा है शीघ्र ही मामले की जांच कराकर ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी जिससे मृत्यु दर पर अंकुश लगाया जा सके।
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