एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा श्रमिक दीपक कुमार को निकाला जाना विधि विरुद्ध

श्रम व रोजगार मंत्रालय भारत सरकार ने दिए जांच के आदेश

एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा श्रमिक दीपक कुमार को निकाला जाना विधि विरुद्ध

उप मुख्य श्रमायुक्त केंद्रीय कानपुर को जांच कर तथ्यों से भारत सरकार को अवगत कराने का निर्देश

राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश -

एनटीपीसी बीजपुर में सहायक लोको पायलट के पद पर कार्यरत दीपक कुमार को मेंटल डिसऑर्डर के झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावना से प्रेरित आरोप लगाकर नौकरी से हटाने की कार्रवाई पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। भारत सरकार के पत्र में मुख्य श्रमायुक्त केंद्रीय ने उप मुख्य श्रमायुक्त कानपुर को मामले की छानबीन कर रिपोर्ट देने को कहा है। भारत सरकार के अपर सचिव दिलीप कुमार को भी इस संबंध में तथ्यों से अवगत कराने का आदेश जारी किया है। 

पीडित मजदूर दीपक कुमार ने प्रेस को भारत सरकार के आदेश को जारी करते हुए कहा कि वह एनटीपीसी में सहायक लोको पायलट के बतौर कार्यरत था। जिसे विधि के विरुद्ध काम से प्रबंधन ने निकाला है। 23 नवंबर 2024 को एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा सीजर मेंटल डिसऑर्डर की मानसिक बीमारी बताते हुए मेडिकल अनफिट कहकर नौकरी से निकाल दिया। जबकि सच्चाई यह है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय और स्वशासी राज्य चिकित्सालय महाविद्यालय सोनभद्र दोनों जगह कराई जांच में मुझे मानसिक व शारीरिक रूप से फिट पाया गया।

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यही नहीं एनटीपीसी हॉस्पिटल, बीजपुर की खुद 25 जनवरी 2024 की रिपोर्ट में मुझे फिट पाया गया था और उसके बाद मैंने 11 महीने तक एनटीपीसी में बकायदा काम किया। दरअसल एनटीपीसी प्रबंधन ओवरटाइम से लेकर अपने श्रमिक अधिकारों को उठाने की सजा मुझे दे रहा है। मुझे पूर्णतया झूठे, मनगढ़ंत व बदले की भावना से आरोप लगाकर नौकरी से निकाला गया है। हालत यह है कि मुझे इस संबंध में अपना पक्ष तक रखने का समय नहीं दिया गया जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पूर्णतया उल्लंघन है।

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जिसके खिलाफ भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय, श्रम मंत्रालय और केंद्रीय श्रमायुक्त समेत सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजा गया था। जिस पर भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए जवाब तलब किया है। दीपक ने एनटीपीसी प्रबंधन से अपील की कि वह अपने झूठे आरोपों को वापस ले और पुन: कार्य पर नियोजित करें और गैरकानूनी छटंनी अवधि का मय ब्याज वेतन भुगतान करे।

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