ब्लाक फूलबेहड की ग्राम पंचायत सुंदरबल मे भारी भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार की सिरमौर बनी ग्राम पंचायत सुंदरबल, की कराई जाए स्थलीय जांच तो होगा भ्रष्टाचार का खुलासा ।

ब्लाक फूलबेहड की ग्राम पंचायत सुंदरबल मे भारी भ्रष्टाचार

लखीमपुर खीरी- विकासखंड फुलबेहड की  ग्राम पंचायतो मे व्याप्त भ्रष्टाचार के क्रम मे आपको ले चलते है ग्राम पंचायत  सुन्दरबल जहा प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत सेभारी पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिए जाने का मामला प्रकाश मे आया है।सुत्रो से मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत सुंदरबल मे स्ट्रीट लाइट  खरीद मे व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप ग्रामीण लोगो द्वारा लगाए गए हैं।लोगो का आरोप है कि स्ट्रीट लाइट मानक विपरीत  गुणवत्ताविहीन  क्रय कर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया है।

इसके साथ ही ग्राम पंचायत के स्थानीय  कस्बा सुंदरबल  मे वर्मा ट्रैक्टर के पास लगवाई गयी ईटरलाकिंग मे जमकर भ्रष्टाचार किए जाने की जन चर्चा जोरो पर हो रही है।इतना ही नही मनरेगा योजना मे नाबालिग  बच्चो से मजदूरी कराये जाने का मामला भी सुर्खियां बना था। गत दिनो पूर्व  सुंदरबल मे वर्मा ट्रैक्टर के पास लगी इंटरलॉकिंग  मे किनारे मिट्टी डाली जा रही थी जिसमे दो नाबालिग  लडके ईट उठाते हुये कैमरे मे कैद किये गये थे।प्रधान और पंचायत सचिव का यह कृत्य सरकार के बालश्रम उन्मूलन अभियान की पोल खोलता दिखाई  पड रहा था।और  संज्ञेय अपराध की श्रेणी मे आताहै और  दंडनीय अपराध भीहै।

सूत्र बताते हैकि लगवाई गई इंटरलॉकिंग मे जो साइडे बनबायी गयी है वह  गुणवत्ताविहीन एवं पीला ईटो से बनायी गयीहै।,और वर्मा ट्रैक्टर के पास बनाई गई इंटरलॉकिंग रोड पर रोडा डाले बगैर ही इंटरलॉकिंग ईट बिछवाकर गड़बड़ झाला किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि सुंदरबल में 127000 व दूसरी बार 109000 की स्ट्रीट लाइट  क्रय की गई है जो गांव के बाहर मौजमाबाद वाले रास्ता पर लगाए जाने की बात लोगों द्वारा बताई गई है ।

यह लाइट मानक विपरीत लगवाए जाने के भी आरोप लगाए गए हैं यहीं पर पास ही बनवाया गया आर आर सी सेंटर भ्रष्टाचार एवं गुणवत्ता तथा मानक विपरीत निर्माण कार्य कराए जाने की दास्तान स्वयं बयां कर रहा है ।तथा इंटरलॉकिंग जो गैस एजेंसी से थोड़ा पहले वर्मा ट्रैक्टर के सामने लगवाई गई इंटरलॉकिंग में साइड पट्टी नहीं बनवाए गए हैं और ना ही नीचे रोड़ा ही डाला गया है। जहां कहीं अन्य जगहों पर रोडा यदि डाला भी गया है वहां पुरानी ईटों को उखडवा कर उनका रोडा बनवा कर डाला गया है ।

और कहीं-कहीं तो पुरानी खड़ंजे की ईंटों से नाली बनवाकर नई ईटों का भुगतान निकाले जाने के भी आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं। इस तरह से प्रधान और पंचायत सचिव द्वारा मिलकर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिए जाने के गंभीर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही गई है ग्रामीणों की जुबानी सत्य माने तो नल रिबोर एवं मरम्मत के नाम पर सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किए जाने की बात भी जन चर्चा का विषय बना है ।

कराए गए गुणवत्ता विहीन एवं मानकों के विपरीत  कई इंटरलॉकिंग सड़क धंस जाने का मामला प्रकाश में आया है ।यदि खंड विकास अधिकारी फूल बेहड पीयूष कुमार सिंह ले मामले का संज्ञान और कराई गई इंटरलॉक रोड और बनवाई जा रही सड़कों की कराई जाए निष्पक्ष जांच तो एक बड़े सरकारी धनराशि का व्यापक स्तर पर दुरुपयोग किए जाने का मामला आएगा सामने और कई जिम्मेदार होंगे बेनकाब ।
सरकार की मंशा विपरीत नाबालिग  बच्चों से मजदूरी करवाते दिखे ग्राम प्रधान

एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के क्रम में बालश्रम उन्मूलन का कार्यक्रम जिला अधिकारी के आदेश पर युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है जिसमें सरकार की स्पष्ट मंशा है कि बच्चों से किसी कीमत पर मजदूरी न कराई जाए और बालश्रम में लगे बच्चों को मजदूरी कार्य से मुक्त करवा कर उनको शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाए तथा नाबालिक बच्चों से बेगार कराने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर का कानूनी कार्यवाही किए जाने के भी आदेश उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया। इसके बाद भी उक्त ग्राम प्रधान के विरुद्ध कार्यवाही किस सक्षम अधिकारी की सिफारिश के चलते नहीं की जा रही है ।ऐसा जनता का यक्ष प्रश्न बना है। उक्त आरोप सुंदरबल कस्बा के कई ग्रामीणों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर लगाए गए हैं और जांच की मांग की गई है।

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