कोटेदारों की दबंगई कम होने का नहीं ले रही है नाम
वायरल वीडियो में कम राशन देने की बात कह रहा कोटेदार फिर भी ऑफिस में बैठे-बैठे अधिकारी कोटेदार के पक्ष में लगा रहे हैं रिपोर्ट
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जलालपुर अंबेडकर नगर। विगत कुछ दिन पहले कोटेदार शिव पूजन यादव ब्लॉक जलालपुर मोहल्ला फरीदपुर को यह कहते हुए वीडियो सोशल मीडिया समेत अन्य पटलों वायरल हुआ था कि हमें सरकार से राशन कम मिलता है इसलिए लोगों को हम राशन कम मात्रा में देते हैं हमें राशन काम देने की शौक नहीं है हमें ऊपर से ही काम मिलता है। वीडियो वायरल होने के साथ-साथ एक पीड़ित राशन कार्ड धारक ने आई जी आरएस के माध्यम से खाद रसद विभाग को शिकायत भी की थी। ऑफिस में बैठे-बैठे अधिकारी महोदय कोटेदार के पक्ष में रिपोर्ट लगाते हुए।
यह निस्तारण कर दिया कि सभी को राशन डिजिटल कांटे से और बराबर मात्रा में वितरण किया जा रहा है जबकि वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि कोटेदार कह रहा है कि हम सबको राशन कम देते हैं और पुराने कांटे से राशन की तौल करते हुए वीडियो में स्पष्ट हो रहा है, फिर भी कोटेदार ने ऐसी कौन सी जादुई छड़ी घुमा दी कि अधिकारी कोटेदार की ही राग में राग मिलाकर बोल रहे हैं और कोटेदार के पक्ष में रिपोर्टिंग कर रहे हैं। निस्तारण से संतुष्ट न होकर पुनः पीड़ित में आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत की तो फिर भी अधिकारी महोदय पुरानी ही रिपोर्ट पर अडे़ हुए हैं और कोटेदार को स्वच्छ धुला साबित करते हुए।
रिपोर्टिंग कर रहे हैं। प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि कहीं ऐसा तो नहीं की खाद्य रसद विभाग के कुछ चुनिंदा अधिकारी, कर्मचारी और कोटेदार आपस में मिल मिलाकर गरीब जनता के राशन पर डकैती डाल रहे हैं। खाद्य पूर्ति निरीक्षक से पीड़ित से टेलीफोन पर 10 दिसंबर 2024 को बातचीत होती है और पीड़ित अपने आप को प्रैक्टिकल परीक्षा में होने की बात कहता है फिर भी 9 दिसंबर 2024 को ही खाद्य रसद के जिम्मेदार पर्यवेक्षक ने कोटेदार के पक्ष में रिपोर्ट लगाकर कोटेदार को निर्दोष साबित कर देते है। जिसका ऑडियो भी पीड़ित के पास उपलब्ध है।
कोटेदार पीड़ित को यह कहते हुए अपने यहां बुलाता है कि अधिकारी आ रहे हैं जांच में आपको आना है जब पीड़ित राशन की दुकान पर पहुंचता है तो कोटेदार उसे जबरदस्ती उसके हिस्से का राशन पकड़ा देता है और शिकायत पर हस्ताक्षर करने को कहता है जबकि पीड़ित इस तरह की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है। वीडियो वायरल होने पर कोटेदार ने पीड़ित को राशन कार्ड कटवाने की धमकी भी दिया था, जिससे डर कर पीड़ित राशन की दुकान पर नहीं जाता था।
डबल इंजन की सरकार में जहां प्रत्येक व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए सरकार कटिबंध है वहीं पर अधिकारी, कर्मचारी अपने नुमाइंदों को बचाने के लिए पीड़ित के शिकायत पर बैठे-बैठे फर्जी रिपोर्ट लगा दे रहे हैं। पीड़ित जिम्मेदार अधिकारियों की इस तरह की कार्यशैली से काफी डरा व सहमा हुआ है। वह न्याय की गुहार लगाने के लिए कहां जाए, किसके पास जाए इस बात से वह बहुत ही हतोत्साहित है और अपने साथ हो रहे हैं अन्याय पर काफी परेशान व हैरान है।
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