ग्राम पंचायत परसपुर करौंदा में विकास के नाम होंरहा जमकर बंदरबांट

लाखो खर्च के बाद भी गुणवत्तापूर्ण निर्माण के दावे दिखे फेल

ग्राम पंचायत परसपुर करौंदा में विकास के नाम होंरहा जमकर बंदरबांट

आरसीसी निर्माण में घटिया लोकल बालू और पीले ईंट का हुआ प्रयोग

विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट 

बलरामपुर

ग्राम पंचायतो में सरकारी विकास के दावे तो तमाम किए जाते हैं जिसको लेकर लाखो रुपिया ग्राम पंचायतों को विकास के लिए दिया जाता है लेकिन ग्राम पंचायतों में विकास का आलम तो यह है कि सारे मानकों और नियमों को किनारे करते हुए ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा जमकर भ्र्ष्टाचार किया जा रहा है ।जिसके चलते जिम्मेदारो के द्वारा जमकर भ्र्ष्टाचार किया गया की बात सामने आरही है ।गाव में कई स्थानों पर आरसीसी सड़क निर्माण करवाया जा रहा है जो की पूरी तरह मानक विहीन है की तस्वीर सामने आ रही है और विकास के नाम पर सरकारी धन का जमकर बंदरबांट किया जा रहा । IMG-20241110-WA0023

 पूरा मामला विकासखंड तुलसीपुर के ग्राम पंचायत परसपुर करौंदा की है जहां पर विकास के नाम पर जमकर भ्र्ष्टाचार करने की बात सामने आ रही है जहां ग्राम पंचायत में सरकार द्वारा विकास को लवकर लाखो रुपिया प्रदान कर गाव का विकास गुणवत्तापूर्ण ढंग से करवाने कें दावे तो होते है । लेकिन ग्रामनिधि का विकास के नाम पर दुरुपयोग किया जा रहा जंहा आरसीसी निर्माण में सारे नियमों और मानको की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई और मानकविहीन निर्माण करवाया गया जिसमें गुणवत्ता विहीन निर्माण के ग्रामीण आरोप लगाते है IMG-20241110-WA0022जिसकी पड़ताल करने पर पता चला कि आरसीसी निर्माण में जहां पीले ईंट का प्रयोग किया जा रहा है और बिना लालमोरंग और गिट्टी के गुणवत्ता विहीन निर्माण कराया जाता है जिसमें घटिया किस्म का लोकल बालू लगाया जा रहा है जिसमें कहीं ना कहीं ग्राम पंचायत पर प्रधान और सचिन की मिली भगत से ऐसा खेल हो रहा है। IMG-20241110-WA0021जिसको लेकर तमाम स्थानीय ग्रामीण ने बताया की किस प्रकार यहां विकास के नाम पर लूट किया जा रहा है और गुणवत्ता विहीन निर्माण कराया जा रहा है जिसके कारण बनाए गए आरसीसी 6 महीने भी नहीं चल पाता और जगह जगह टूट फुट हो जाता है जिसकी ग्रामीणों ने भौतिक सत्यापन करवा कार्यो की जांच कराने की मांग की है । जिसको लेकर जब विकास खण्ड अधिकारी तुलसीपुर से बात की जाती है तो उनका फोन नेटवर्क में न होने से नही लगता है जिससे उनका पक्ष नहीं दिया जा सका ।

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