मां देवकली धाम भक्तों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

कलम और तलवार की धनी कही जाने वाली धरती पर सैकड़ों वर्षों से विराजमान हैं मां देवकली

मां देवकली धाम भक्तों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

अमित कुमार शुक्ला संवाददाता बीघापुर

बीघापुर (उन्नाव)। भगवंत नगर विधानसभा के बीघापुर क्षेत्र में माँ देवकली देवी मंदिर कटरी क्षेत्र के खरौली अपने आप में अनूठे हैं। विकासखंड सिकंदरपुर कर्ण क्षेत्र की ग्राम सभा खरौली में बना मां देवकली धाम भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां पूरे वर्ष कटरी क्षेत्र के निबाई, सातन, बरुआ, गढेवा, बाला कटरी, मेहंदी नगर, पिपरासर, करमी, भागू खेड़ा, नवरात्र में खासकर अष्टमी के दिन क्षेत्र के ऐसे सैकड़ो गांवों के लोग दूर-दूर से आने वाले भक्तों का ताता लगा रहता है।

                                       विशेषता

प्राचीन माँ देवकली धाम की मूर्ति ऐसी लगती है। मानो कुछ बोलना चाहती है। भक्तों का मानना है जब माता की मूर्ति प्रसन्न मुद्रा में दिखाई दे। उस समय दर्शन मात्र से ही लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है। वही गांव के सुमित मिश्रा माता के आशीर्वाद से एम बी बी एस कर जनता की सेवा कर रहे हैं।

                                        इतिहास

बताया जाता है कि जिस जगह पर माताजी का मंदिर निर्माण हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार नौ रत्न की मूर्ति गंगा की धारा में बह कर आई थी। तब बुजुर्गों ने स्थापना किया था। मूर्ति की चोरी होने के बाद पत्थर की मूर्ति की स्थापना की गई है। सेवा से सभी की मुरादे पूर्ण हो जाती हैं। वहीं पर कई वर्ष पूर्व नवाबगंज के व्यापारी श्याम लाल को पुत्र की प्राप्ति के बाद मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। नवरात्र में माँ देवकली धाम के मंदिर में अष्टमी के दिन भक्तों के लिए विशेष तौर का दिन रहता है। जहां भक्त बड़ी दूर-दूर से व अपनी मुरादों को लेकर पूजा अर्चना करने आते हैं।

वहीं पूरे वर्ष दूर-दूर से मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ बनी रहती है। माँ देवकली धाम के आशीर्वाद से क्षेत्र के सैकड़ो छात्र माताजी के दर्शन से फलीभूत होकर सेना व अन्य सरकारी पदों पर अपनी सेवा दे रहे हैं। यह सभी क्षेत्र में आने पर सर्वप्रथम मां के मंदिर में माथा टेकने जाते हैं। नवरात्र में माता के मंदिर में तीन दिवसीय मेले का भी आयोजन होता है। मेले में महिलाएं अपने-अपने घर के लिए घरेलू वस्तुएं खरीदती हैं। बच्चे झूले झूलते हैं। जो लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। वह लोग अपनी ममता के अनुसार कार्यक्रम भी करते हैं। बेचू शुक्ला, बबलू सिंह, विनोद सिंह, राघवेंद्र, डॉ राम सुमेर यादव, शिव विलास बाजपेई, बचोले मिश्रा, राजीव लोचन, पिंकू त्रिवेदी, चंद्रकांत बाजपेई, आदि सैकड़ो भक्त रोज सुबह शाम मंदिर में माथा टेकने जाते हैं।

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