नहीं हो रही लक्ष्मीपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में खुली बैठकें
पंचायत सहायक की नियुक्ति के बाद भी ग्रामीण लगाते है ब्लॉक का चक्कर
On
लक्ष्मीपुर/महराजगंज। शासनादेश के बावजूद ग्राम पंचायत की खुली बैठक नहीं हो रही है। आला अफसरों के ध्यान न देने के कारण खुली बैठकें सिर्फ कागजी कोरम पूरा करने का जरिया बनकर रह गई है। लक्ष्मीपुर ब्लॉक क्षेत्र के अधिकांश ग्राम पंचायतों में खुली बैठक नहीं होने की शिकायतें की जा रही हैं। लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान व सचिव मनमाने ढंग से प्रस्ताव पास करके अपनी मनमर्जी से मनरेगा सहित सभी विकास का कार्य करवाते हैं। ग्रामीणों को अपनी बात और प्रस्ताव पेश करने का अवसर ही नहीं मिल पाता।
ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम रोजगार सेवक की तिकड़ी पूरे विकास कार्यों का संचालन करती है। यह मामला एक-दो गांवों का नहीं बल्कि अधिकांश ग्राम पंचायतों का है। विकसित भारत संकल्प यात्रा के बाद ग्रामीणों को याद नहीं है कि उनके गांव में खुली बैठक कब हुई थी। यहां तक कि ग्रामीणों को अपने सचिव का नाम तक नही पता ब्लाॅक में 96 ग्राम पंचायतें हैं। ऐसा ही कुछ एक मामला बसंतपुर गांव का है, जहाँ लोगों का जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सचिव हप्तों ब्लॉक का चक्कर लगवा रहे है। खुली बैठक जरूरतमंदों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना है।
परिवार रजिस्टर से किसी सदस्य का नाम जोड़ना या कटाना होता है तो खुली बैठक के माध्यम से किया जाना, खुली बैठक पंचायत में ग्राम प्रधान एवं वार्ड पंचायत सदस्यों समेत ग्रामीणों के एकत्रित होकर विकास कार्यों के चयन पर अपनी सहमति जताते हुए एक प्रस्ताव तैयार करते हैं। वही प्रस्ताव मान्य होता है लेकिन इसके विपरीत ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी बैठकों का आयोजन नहीं करते। कुछ ग्राम प्रधान कभी कभार साल-छह महीने में एक बैठक कर लेते हैं।
इस प्रकार निर्देशों की अनदेखी कर ग्राम पंचायत की होने वाली खुली बैठक कागजों में दफन होकर रह गई। और सरकारी परंपरा समाप्त होने के कगार पर पहुंच गई है।
पंचायत सहायक की नियुक्ति के बाद भी ग्रामीण लगाते है ब्लॉक का चक्कर
लक्ष्मीपुर ब्लॉक क्षेत्र के कुछ ग्राम पंचायतों में स्थित पंचायत भवन पर ताला लटका रहता है, जिससे ग्रामीणों को परिवार रजिस्टर, जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र, बृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, व्यक्तिगत शौचालय सर्वे, पेंशन, और सर्वे से जुड़े सभी अभिलेख रखना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ़ प्लस का काम करना और ग्राम पंचायतों में स्वच्छता से जुड़े कार्यों की रिपोर्टिंग करना, ग्राम सचिवालय में लगे जनसेवा केंद्र के जरिए ग्रामीणों को जरूरी अभिलेख और प्रमाण पत्र मुहैया कराना, गांव में होने वाले विकास कार्यों का भुगतान करना आदि कार्यो की देखरेख करना लेकिन अधिकांश पंचायत भवन या मिनी सचिवालय में ताला लटका रहता है जिससे ग्रामीण ब्लॉक का चक्कर लगाते फिरते हैं।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
13 Feb 2025 19:07:11
पूरनपुर, पीलीभीत। शबे ए बारात 13 फरवरी को मनाई जाएगी जिसकी तैयारियां जोर-जोर से चल रही हैं। मुस्लिम समाज के...
अंतर्राष्ट्रीय
12 Feb 2025 17:59:17
Indian Soldiers - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) ने बुधवार को फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल
Online Channel

खबरें
राज्य

Comment List