अवैध और गैरकानूनी कार्यों का सरगना बनकर उभर रहा तथाकथित समाजसेवी 

अपने दबंगई के बल पर कृषि विभाग के सरकारी आवास को कई वर्षों से किया है कब्जा

अवैध और गैरकानूनी कार्यों का सरगना बनकर उभर रहा तथाकथित समाजसेवी 

कृषि विभाग के सरकारी आवास से सभी गैरकानूनी कार्य होते हैं संचालित

गाजीपुर। इतिहास गवाह है कि धन की हवस का चस्का बड़े-बड़े सूरमाओं को खाक में मिला दिया तो भला एक तथाकथित समाजसेवी की क्या विसात है। जी हां! हम बात कर रहे हैं  गाजीपुर शहर के वार्ड नंबर 25 से तथाकथित समाजसेवी की जो अवैध और गैरकानूनी कार्यों का सरगना बनकर उभर रहा हैं. अपने नाम के आगे समाजसेवी लिखता तो जरूर है लेकिन उसके सभी काम गैरकानूनी है कहने को तो वह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाता है लेकिन कंपनी का रजिस्ट्रेशन है भी या नहीं यह तो उसी को पता होगा.
 
एक जमाने में अभावग्रस्त जीवन जीने वाला तथाकथित समाजसेवी ने बुलंदियों का रास्ता अपनाने के लिए ऐसा शॉर्टकट मरा की कुछ वर्षों के अंतराल में उसने वह मुकाम हासिल कर लिया जिसकी चाहत उसके जेहन में थी। सभी जानते हैं कि गलत तरीके से कमाई गई लक्ष्मी आंखों पर एक ऐसी पट्टी पहना देती है जिससे सामने वाले को क्या गलत है और क्या सही है इसकी सुधि ही नहीं रह जाती है।
 
नगर के वार्ड नं0 25 का रहने वाला यह तथाकथित समाजसेवी अपने एक अलग रूआब में रहता है शहर कोतवाली की एक छोटी मोटी पुलिस फौज उसके साथ परमानेंट रहती है कुछ वर्ष पूर्व ही यह कथित कान्ट्रैक्टर अस्तित्व ही नहीं था लेकिन कुछ ही वर्षों में इस कदर उभरा कि अच्छे खासे पूंजी पति भी इसे झुककर सलाम करने लगे यह किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है इसका पता आज तक कोई लगा नहीं पाया लेकिन शहर कोतवाली में इसका रूआब देखने लायक है शहर कोतवाली के सभी सिपाही और दरोगा इसके नाम से भलीभाँति वाकिफ है इसके पहुँचते ही कोतवाली के सिपाही तो इसके आगे पिछे भैया-भैया कह कर घूमने लगते है।
 
कोई भी गैरकानूनी काम हो इस तथाकथित समाजसेवी को पकड़ लिजिए आपका काम आसानी से हो जायेगा यही नही विवेचना चार्ज शीट में भी दोष मुक्त हो जायेंगे। हां इतना जरूर है कि काम के एवज में आपको मोटी रकम देनी होगी जिसका एक बड़ा हिस्सा इस श्रीकांत के पाकेट में जाता है बाकि हिस्से में कोतवाली के पुलिसकर्मि बांट लेते है। जब मीडिया ने इस नये तथाकथित समाजसेवी कि पृष्ठभूमि खंगाला तो कई चौंका देने वाले मामले खुलकर सामने आये. अवैध तरीके से जमीनों पर कब्जा और जुए का अड्डा, और कई गैरकानूनी काम है।
 
जिससे इसको एक मोटी रकम मिलती है. इसका सर्पोट शहर कोतवाली समेंत विभाग के उच्च अधिकारी भी करते है। पुलिस कर्मियों के साथ घूमने वाले इस तथाकथित समाजसेवी का धौंस इस कदर है कि कोई भी इसके आगे टिक नही पाता है. शहर के जितने गैरकानूनी काम है सब इसके जिम्मे है. अगर डीएम अस्तर से जांच हुई तो इस नए श्रीकांत त्यागी का जेल जाना तय है.
 
 

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